Kaiserganj LokSabha Seat:उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित कैसरगंज लोकसभा सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को पार्टी ने इस बार चुनावी मैदान में उतारा है.बेटे को कैसरगंज सीट से जिताने के लिए बृजभूषण सिंह इन दिनों जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों से मिलकर बीजेपी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं.इस बीच कैसरगंज में आयोजित अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में ब्रजभूषण सिंह ने एक बयान दिया है जिसकी चर्चा अब जोरों पर है।

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“5 पीढ़ी पहले आप हमारा ही खून थे”
ब्रजभूषण शरण सिंह ने कार्यक्रम में कहा,कोई कहे या ना कहे हम कहते हैं कि,आप हमारा ही खून हैं.कोई हमारा डीएनए टेस्ट भी करा ले तो पांच पीढ़ी पहले हम एक ही निकलेंगे.उन्होंने कहा,आपके लिए हम बदनाम हैं और आप हमारे लिए बदनाम हैं इसलिए बो तो पक्ष में बो नहीं तो मत बो…कम से कम फायदा न करो तो नुकसान भी मत करो.मैं आपका एहसानमंद रहूंगा और हर सुख-दुख में आपके साथ खड़ा रहूंगा….वो लोग न आए हैं और न आएंगे,हमारा आपका मिलना बढ़ेगा और भाईचारा भी बढ़ेगा।

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बिना गलती के मुझे सजा मिल रही है-बृजभूषण सिंह
कैसरगंज सीट पर बेटे करण भूषण सिंह को जिताने के लिए सांसद बृजभूषण शरण सिंह ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं.इस दौरान एक सभा में बृजभूषण सिंह काफी भावुक भी हो गए उन्होंने कहा कि,जितना भी वोट यहां से जाएगा वो 5 किमी से 600 किमी दूर बैठे मेरे राजनीतिक करियर और मेरे जीवन के समाप्त होने का तमाशा देखने वाले लोगों के गाल पर तमाचा होगा और उनका गाल लाल हो जाएगा तो समझ जाएंगे किसी व्यक्ति से पाला पड़ा है।इशारों-इशारों में बीजेपी सांसद ने कहा वोट देना है तो बीजेपी को ही दीजिए वरना मत दीजिए.भावुक होकर उन्होंने कहा कि,डेढ़ साल से मेरे साथ षड्यंत्र हो रहा है…ये शरीर पत्थर का हो गया है बिना गलती के मुझे सजा मिल रही है,डेढ़ साल से मैं क्या झेल रहा हूं तो देखा कि,33 साल की उम्र में मैं सांसद बना था और अब 33 साल की उम्र में मेरा बेटा सांसद बनने जा रहा है.बृजभूषण सिंह ने कहा,1996 में मेरे साथ षड्यंत्र किया गया तो मेरी पत्नी सांसद बनी और 2024 में फिर मेरे साथ षड्यंत्र किया गया तो मेरा बेटा सांसद बनने जा रहा है।

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1996 में पत्नी केतकी सिंह जीती थी चुनाव
आपको बता दें कि,26 सालों बाद संसदीय चुनाव के इतिहास में ये पहला चुनाव है जिसमें बृजभूषण शरण सिंह चुनावी मैदान में नहीं हैं.बीजेपी ने इस बार कैसरगंज लोकसभा सीट से उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.छात्र राजनीति में अपना दमखम दिखाने के बाद 1991 में पहली बार गोण्डा लोकसभा सीट से जीतकर बृजभूषण सिंह संसद पहुंचे थे इसके बाद 1996 में टाडा मामले में जेल में बंद होने के कारण उनकी पत्नी केतकी सिंह ने चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।इस बार कैसरगंज सीट से सपा ने भगतराम मिश्र और बसपा ने नरेंद्र पांडेय को उनके बेटे के सामने चुनावी मैदान में उतारा है।