Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ अभी भी लोगों में आक्रोश है. जूनियर डॉक्टरों ने बीते दिन आमरण अनशन की शुरुआत कर दी है. डॉक्टरों का आरोप है कि पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) ने उनकी मांगों को पूरा करने में असफलता दिखाई है, जिसके चलते उन्होंने यह कठोर कदम उठाया है.
Read More: Indian Air Force का 92वां वर्षगांठ समारोह… चेन्नई में भव्य एयर एडवेंचर शो,72 हवाई जहाज भरेंगे उड़ान
आमरण अनशन की शुरुआत
बताते चले कि कोलकाता (Kolkata) के धर्मतला इलाके में डोरीना क्रॉसिंग पर शुक्रवार को धरना प्रदर्शन करते हुए, डॉक्टरों ने राज्य सरकार को 24 घंटे का समय दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार से वादे के अनुसार उनकी मांगों को पूरा करने की अपेक्षा की थी. लेकिन जब राज्य सरकार ने समय सीमा के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो जूनियर डॉक्टरों ने आमरण अनशन का निर्णय लिया. एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, “राज्य सरकार समय सीमा के भीतर हमारी मांगें पूरी करने में विफल रही है, इसलिए हम अपनी मांगों को पूरा होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अनशन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
अनशन पर बैठे डॉक्टरों की स्थिति
आपको बता दे कि अनशन पर बैठने वाले छह डॉक्टरों में कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Kolkata Medical College and Hospital) की स्निग्धा हाजरा, तान्या पांजा और अनुष्टुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम के अर्नब मुखोपाध्याय, एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और के.पी.सी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं. एक जूनियर डॉक्टर ने कहा कि वे अपनी ड्यूटी पर जाएंगे, लेकिन भोजन नहीं करेंगे. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि अनशन के दौरान किसी डॉक्टर की तबीयत बिगड़ती है, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा, “हमें लोगों का समर्थन प्राप्त है, और यही कारण है कि हम प्रशासन की किसी भी तरह की बाधा से नहीं डरते. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम भूख हड़ताल जारी रखेंगे.”
विरोध स्थल पर मशहूर हस्तियां मौजूद थी
जूनियर डॉक्टरों के विरोध स्थल पर शाम को बड़ी संख्या में आम लोग और कुछ मशहूर हस्तियां भी मौजूद थीं. यह देखकर डॉक्टरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिला है. प्रदर्शनकारियों ने “पूर्ण कार्यबंदी” वापस लेने के बाद अनशन शुरू किया, जिसका उद्देश्य उनके अधिकारों और सुरक्षा के लिए एक ठोस संदेश देना है. इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल चिकित्सकों के बीच असंतोष को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि वे अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं.
Read More: Nitish Kumar को भारत रत्न देने की मांग पर बिहार में सियासी हलचल, RJD ने JDU और BJP पर लगाया ये आरोप…