Kolkata Rape Case: कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता (Kolkata Rape Case) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद देशभर के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है, और पिछले एक हफ्ते से डॉक्टर्स सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कोलकाता, दिल्ली, मुंबई समेत सभी बड़े शहरों में डॉक्टर्स और आम जनता ने भी इस घटना के खिलाफ विरोध जताते हुए न्याय की मांग की है। आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए लोग सड़क पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, आज होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप-मर्डर केस का स्वत: संज्ञान लिया है और मंगलवार, 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इस सुनवाई में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने अपनी वाद सूची में इस केस को शामिल करते हुए इसे सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई के लिए निर्धारित किया है। इस सुनवाई से पहले, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स ऑफ डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है। FORDA ने कोर्ट से हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस जारी करने की मांग की है, साथ ही RG कर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की भी अपील की है।
आरोपी की सास की मांग: मिले फांसी की सजा
इस मामले में आरोपी संजय रॉय की सास ने खुद आगे आकर उसकी फांसी की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके और संजय के रिश्ते बहुत तनावपूर्ण थे। उनकी बेटी और संजय की शादी सिर्फ दो साल तक चली। यह संजय की दूसरी शादी थी, और शुरू के छह महीने ठीक थे। लेकिन जब उनकी बेटी तीन महीने की गर्भवती थी, तब संजय ने उसका गर्भपात करवा दिया और उसके साथ मारपीट भी की। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन हालात बद से बदतर होते गए। उनकी बेटी की तबीयत भी खराब होती चली गई, और संजय ने उसे दवाइयों का खर्च उठाने के लिए भी मजबूर किया। सास ने यह भी कहा कि संजय में इस अपराध को अकेले अंजाम देने की क्षमता नहीं है, लेकिन जो कुछ भी किया गया है, उसके लिए उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
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केंद्र सरकार की पहल: अस्पतालों की सुरक्षा में हो बढ़ोतरी
घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार के अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने सरकारी अस्पतालों के प्रमुखों को सुरक्षा उपायों की लिस्ट भेजी है, जिसमें सुरक्षा तैनाती 25 प्रतिशत बढ़ाने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, अस्पतालों में मार्शल्स की तैनाती और आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने की अनुमति दी गई है। महिला हेल्थकेयर वर्कर्स की सुरक्षा के लिए रात के समय में एक से अधिक महिला कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए, और अगर उन्हें रात में अस्पताल के किसी भी हिस्से में जाना पड़े, तो उनके साथ एक गार्ड होना अनिवार्य है।
सुरक्षा के तहत अस्पतालों के एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स, गलियारों, अंधेरे स्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों में उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, एक कंट्रोल रूम की स्थापना का भी सुझाव दिया गया है, जो आपातकालीन हालात में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की मदद कर सके।
आरोपी का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
इस बीच, सीबीआई को आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफी टेस्ट की इजाजत मिल चुकी है। एक अधिकारी ने बताया कि संजय के बयानों में विरोधाभास पाया गया था, जिसके चलते सीबीआई ने कोर्ट से पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति मांगी थी। इस टेस्ट के जरिए आरोपी से केस से जुड़ी अहम जानकारी प्राप्त हो सकती है। यह केस न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट और सरकार इस मामले में किस तरह का फैसला लेती है, और क्या यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाने का सबब बनेगी।