PM Modi News : काशी में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन केंद्र , जिसका आने वाले समय में PM मोदी करेंगे उद्धाटन, इस में लगभग 35 करोड़ का खर्च हुआ है , और यह 7 मंजिला धाम है, और यह अभी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योकिं इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है, मंदिर इतना बड़ा है कि इसमें कई हजार से ज्यादा लोग एक साथ मेडिटेशन कर सकते हैं। वहीं मगलवार को PM मोदी स्वर्वेद मंदिर का उद्धाटन करने जाएगें , जहां पर कार्यक्रम 1 से 2 घंटे तक रहेगा।
Read more : Bihar में आयोजित ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ में देश-विदेश की कंपनियों ने खोली तिजोरी…
दो शब्दें से मिलकर बना इस मंदिर का नाम..
मंदिर का नाम स्वर्वेद है, साथ ही इस नाम दो शब्दें से मिलकर बनाया गया है , स्व: और वेद. स्व: का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा,वेद का दूसरा अर्थ है ज्ञान, जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे स्वर्वेद कहा जाता है , वहीं इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय Meditation किया जाता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा स्थल में एक मेडिटेशन स्थल बनाया गया है।
Read more : Chicken Tikka खा कर भी वेजिटेरियन बने रहे विराट…
निर्माण कार्य 2014 से हुआ शुरू..
बता दें कि सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान की ओर से वाराणसी के उमरहा में यह बनाया गया है। वहीं सफल देव महाराज की गिनती महापुरुषों मे की जाती है , स्वर्वेद महामंदिर के निर्माण कार्य 2014 से शुरू हुआ जो अभी तक लगातार चल रहा है, जो Meditation का बड़ा केंद्र माना जा रहा है, वहीं इसको भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अमर सेनानी महर्षि सदाफलदेव जी महाराज और सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग सन्त समाज से संबंधित है।
दुनिया का सबसे बड़ा Meditation सेंटर..
वहीं अगर हम इस मंदिर कि बात करें तो इसका भव्य निर्माण ही चर्चा का विषय बना हुआ है , जिसको लेकर लोगो भी हैरान है, यह Meditation केंद्रसात मंजिला है और 35 करोड़ की ज्यादा की लागत से 64 हजार स्कवायर फीट में बनाया गया है, यह दुनिया का सबसे बड़ा Meditation माना जा रहा है ,काशी में बना स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा है, यहां के अनुयायी भारत के करीब सभी राज्यों एवं विदेशों में भी हैं, इस सुपर स्ट्रक्चर की काफी चर्चा हो रही है, इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं, इसमें कमल के आकार बनाया गया है।