DRDO News : DRDO ने आज सुबह सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर (AKASH-NG) मिसाइल का परीक्षण,ओडिशा इंटीग्रेटिड टेस्ट रेंज चांदीपुर में किया। इस दौरन देखा गया कि मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सफलता पूर्वक नष्ट किया, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आकाश एनजी के सफल परीक्षण पर DRDO की टीम और भारतीय वायुसेना को बधाई दी है. ये अत्याधुनिक मिसाइल लगभग 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी दुश्मनों की मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है,इस मिसाइल के जुड़ने से भारतीय वायुसेना की ताकत अब पहले से और अधिक बढ़ गई है।
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जानिए क्यों खास है (AKASH-NG)मिसाइल?
आकाश एनजी पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है, जिसमे आरएफ सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड सिस्टम का प्रयोग किया गया है। इस पावरफुल मिसाइल के हमारी वायुसेना में जुड़ जाने से दुश्मनों के होश उड़ जाएंगे, मिसाइल का वजन 720 किलो बताया जा रहा है, जिसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार लगा है। ये आधुनिक मिसाइल दुश्मनों के विमान और मिसाइलों को स्कैन भी कर सकता है,वहीं इस मिसाइल की गति इतनी तेज है कि,

दुश्मन को पल भर का भी मौका नही देगा। आकाश एनजी की रफ्तार 3 हजार 87 किलोमीटर प्रति घंटा की है, इस मिसाइल का पुराना वैरिएंट्स 2009 से भारतीय सेना का हिस्सा है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद सेना की ताकत और बढ़ी है, क्योकि ये मिसाइल इतनी अत्याधुनिक है कि मोबिलिटी ट्रक्स पर बनाए गए मोबाइल लॉन्च सिस्टम से भी इस मिसाइल को दागा जा सकता है। सेना इससे पहले आकाश-एनजी के पुराने संस्करण का इस्तेमाल कर रही है। इस मिसाइल से दुश्मनों के अंदर खौफ पैदा होगा।
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दुश्मन को बचने का मौका नही मिलेगा
इस मिसाइल की खूबियों पर नजर डाला जाए तो जमीन से ही दुश्मन का पता कर हवा में पहुंच कर एक झटके में एक ही वार में नष्ट करने की क्षमता रखता है,क्योंकि इस मिसाइल की रेंज लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे की है। मिसाइल को मोबाइल के जरिए लाँच कर सकते हैं। इस मिसाइल की लम्बाई 19 फीट है,जो 60 किलो वजन के हथियार को ले जाने में सक्षम है। आकाश एनजी मिसाइल चीन को भी जवाब देने में सक्षम है,चीन बॉर्डर पर लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है।

ये जमीन और आसमान दोनों जगह चीन को जवाब देने में सक्षम होगा। आकाश एनजी का पुराना संस्करण भारतीय वायुसेना ने ग्वालियर, पुणे, तेजपुर, जोरहाट और जलपाईगुड़ी बेस पर तैनात किए हैं। इसके अपग्रेड वर्जन को भारत-चीन सीमा पर तैनात किया जाएगा,ताकि किसी भी तरह से चीन के घुसपैठ का जवाब दिया जा सके।