Jammu&Kashmir News: अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख और बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद, जिन्हें शेख अब्दुल रशीद के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों आतंकी फंडिंग के मामले में जेल से अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी गई है। जेल से बाहर आने के बाद राशिद ने कई बड़े और विवादित बयान दिए, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला।
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बीजेपी पर गंभीर आरोप: ‘कश्मीरियों की बलि न चढ़ाएं’
राशिद ने जेल से बाहर आते ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारी आपसे कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए कश्मीरियों की बलि मत चढ़ाओ।” राशिद का यह बयान उस समय आया है जब जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है और विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच उन्होंने बीजेपी की कश्मीर नीति की कड़ी आलोचना की।
‘इंडिया’ गठबंधन को समर्थन की शर्त: अनुच्छेद 370 बहाल करें
इंजीनियर राशिद ने ‘इंडिया’ गठबंधन को समर्थन देने की भी बात कही, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त रख दी। राशिद ने कहा कि यदि ‘इंडिया’ गठबंधन यह आश्वासन दे कि सत्ता में आने के बाद वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे, तो वे अपने सभी उम्मीदवारों से कहेंगे कि वे अपने समर्थकों का एक-एक वोट इस गठबंधन को दिलाने का संकल्प लें। यह बयान तब आया जब विपक्षी दलों का ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) गठबंधन इस साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़ा था।
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‘कश्मीर मसला हल किए बिना भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता’
राशिद ने आगे कहा, “अगर भारत को सच में विश्वगुरु बनना है तो उसे पहले कश्मीर मसले का समाधान करना होगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर आपके पास इस मसले का कोई बेहतर समाधान है, तो कृपया हमें बताएं। आप कह रहे हैं कि कश्मीर का एक हिस्सा इस हिस्से से जुड़ना चाहता है, लेकिन हम यह कैसे मानें? इसका पता कैसे लगाया जाएगा?”
‘अगर कश्मीर मसले की बात करना अलगाववाद है, तो पूरा उत्तरी कश्मीर अलगाववादी’
राशिद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर कश्मीर मसले की बात करना अलगाववाद है, तो पूरा उत्तरी कश्मीर अलगाववादी है, क्योंकि वहां के लोगों ने उन्हें अपना सांसद चुना है। उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम भारत के दुश्मन नहीं हैं और न ही पाकिस्तान के एजेंट। हम केवल अपनी अंतरात्मा के एजेंट हैं। मोदी ने 5 अगस्त 2019 को अवैध और असंवैधानिक तरीके से हमसे सब कुछ छीन लिया।”
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‘370 की बहाली के लिए गांधी जी की राह पर चलना होगा’
अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर राशिद ने कहा, “अगर हमें अनुच्छेद 370 को वापस लाना है, तो हमें गांधी जी की राह पर चलना होगा। इसके लिए हमें लाल चौक पर प्रदर्शन करना होगा और लाठियां खाने के लिए तैयार रहना होगा। लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीडीपी के नेता ऐसा नहीं कर सकते। जब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सिर्फ भाजपा ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिला सकती है, तो इन दलों के नेताओं ने इसका विरोध करने की हिम्मत भी नहीं की।”
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हिंसा का रास्ता नहीं, अहिंसा से मिलेगी जीत
राशिद ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन करने का नहीं है। उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह नहीं है कि हमें हिंसक होना पड़ेगा। गांधीजी ने भी अहिंसा के माध्यम से अपनी लड़ाई लड़ी थी और हम भी उसी मार्ग पर चलेंगे।” इंजीनियर राशिद के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है और अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर लोगों में गहरी भावनाएं जुड़ी हैं। बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कश्मीरियों के लिए न्याय की मांग की है। वहीं, ‘इंडिया’ गठबंधन को समर्थन देने के पीछे उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली की शर्त रखकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।