Jammu&Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण आज, बुधवार (25 सितंबर) को संपन्न होगा। इस चरण में आतंक प्रभावित जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान होगा। केंद्र शासित प्रदेश के इन संवेदनशील क्षेत्रों में चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं।
पहले चरण की वोटिंग 18 सितंबर को सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी, जिसमें लगभग 60 फीसदी मतदाताओं ने अपने अधिकार का उपयोग किया। पहले चरण में जनता की भागीदारी को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरे चरण में भी बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
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उमर अब्दुल्ला समेत 239 प्रत्याशी मैदान में
दूसरे चरण की वोटिंग में कुल 239 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे, जिनमें प्रमुख चेहरा उमर अब्दुल्ला का है। इस चरण में सभी की नजर बडगाम और राजौरी जिलों के चुनावी नतीजों पर रहेगी। इन क्षेत्रों में मतदाताओं की राजनीतिक सक्रियता और सुरक्षा कारणों से होने वाले मतदान पर खास नजर है।
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आतंक प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
चुनावी सुरक्षा के मद्देनजर रियासी, राजौरी और पुंछ जैसे आतंक प्रभावित जिलों में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पिछले तीन सालों में इन क्षेत्रों में लगातार आतंकी हमले हुए हैं, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मतदाताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तीनों पहाड़ी जिलों के सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
मध्य कश्मीर के जिलों में भी होगी वोटिंग
दूसरे चरण में जम्मू-कश्मीर के छह प्रमुख जिलों में मतदान होगा। इनमें मध्य कश्मीर के श्रीनगर, गंदेरबल और बडगाम जिले भी शामिल हैं। इन जिलों में मतदान को लेकर खासा उत्साह है। भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना भी इस चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। वह राजौरी जिले की नौशेरा सीट से एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा, इस चरण में पांच पूर्व मंत्री और 10 पूर्व विधायक भी अपनी सीट बचाने की कोशिश करेंगे।
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नियंत्रण रेखा के पास मतदान: सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के लिए जिन क्षेत्रों का चयन हुआ है, उनमें कई इलाके नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित हैं। सीमा पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने विशेष रणनीति तैयार की है। हालांकि, जारी संघर्ष विराम के चलते सीमा पार से गोलाबारी की संभावना कम है, लेकिन सुरक्षा के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरती जा रही है।
इस चरण में छह जिलों के लगभग 25 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें बुजुर्ग मतदाता भी शामिल हैं, जिनके लिए विशेष व्यवस्था की गई है ताकि वे बिना किसी कठिनाई के मतदान केंद्रों तक पहुंच सकें। उम्मीद की जा रही है कि इस चरण में भी मतदान का प्रतिशत पहले चरण की तरह उत्साहजनक रहेगा।
इन सीटों पर होगी वोटिंग
दूसरे चरण में जिन विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, उनमें कंगन (एसटी), गांदरबल, हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, चन्नापोरा, जदीबल, ईदगाह, सेंट्रल शाल्टेंग, बडगाम, बीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, चादूरा, गुलाबगढ़ (एसटी), रियासी, श्री माता वैष्णो देवी, कालाकोट-सुंदरबनी, नौशेरा, राजौरी (एसटी), बुद्धल (एसटी), थन्नामंडी (एसटी), सुरनकोट (एसटी), पुंछ हवेली और मेंढर (एसटी) शामिल हैं।
राजनीतिक दलों की नजरें बडगाम और राजौरी पर
बडगाम और राजौरी सीटें इस चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। इन जिलों में होने वाले नतीजे कई राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत कई प्रमुख दल इन सीटों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। भाजपा की खास नजर राजौरी और पुंछ की सीटों पर है, जहां सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बीच मतदान होगा।
जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सुरक्षा के कड़े इंतजाम और मतदाताओं की भागीदारी पर सबकी नजर है। इस चरण के नतीजे राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। चुनावी प्रक्रिया के बीच जनता का उत्साह और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम चुनाव आयोग के लिए सकारात्मक संकेत हैं। सभी दलों के लिए यह चरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि किस पार्टी का जनाधार राज्य के विभिन्न हिस्सों में कितना मजबूत है।