CM Yogi Meeting With PM Modi: उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की.इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम को अयोध्या में नवनिर्मित मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया.22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित होना है उससे पहले बनाए जा रहे एयरपोर्ट का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों कराया जाना है जिसको लेकर सीएम योगी ने दिल्ली जाकर पीएम मोदी को आमंत्रित किया है।
read more: Putin भी मान गए PM मोदी की गारंटी,बोले उनको डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता…
पीएम मोदी और जेपी नड्डा से मिले सीएम योगी
दिल्ली जाकर सीएम योगी ने पीएम मोदी के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की जिसके बाद यूपी में कैबिनेट विस्तार की अटकलों को हवा दी जा रही है.योगी सरकार के कैबिनेट में कौन-कौन मंत्री बनेगा इसके भी अभी सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं.वहीं अन्य पार्टी से आए सदस्य भी इस आस में बैठे दिखाई दे रहे हैं कि,कैबिनेट विस्तार में उनका मंत्री बनना तय है।
जीत से उत्साहित भाजपा कार्यकर्ता
आपको बता दें कि,2024 से पहले हुए विधानसभा चुनाव में 3 राज्यों में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित नजर आ रहे हैं.बीजेपी की ओर से यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है.जिससे पहले राज्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार की चर्चा जोरों पर है प्रदेश में सभी 80 सीटें जीतने का दावा कर बीजेपी के सामने 2024 के चुनाव से पहले यूपी कैबिनेट को जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने का अंतिम मौका है।
यूपी कैबिनेट में बढ़ सकती है मंत्रियों की संख्या
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 एमएलए हैं कैबिनेट में सदस्यों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या का 15 फीसदी तक हो सकती है जिसको ध्यान में रखते हुए यूपी कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं.फिलहाल योगी सरकार में कुल 52 मंत्री हैं इस लिहाज से देखा जाए तो अभी 8 मंत्री और बनाए जा सकते हैं.ऐसे में अगर कैबिनेट विस्तार होता है और इनमें से कुछ मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी होती है तो खाली पदों की संख्या भी बढ़ सकती है।
ओपी राजभर और दारा सिंह का लंबा इंतजार
2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़कर एनडीए में वापसी की थी.इस तरह दारा सिंह चौहान ने भी सपा से अलग होकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी जिसके बाद पार्टी घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था लेकिन इसमें उन्हें जीत नहीं मिल सकी।ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान जब से एनडीए में शामिल हुए हैं तभी से कैबिनेट में जगह पाने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं लेकिन उनको अब तक कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है।
read more: डीएपी व यूरिया में अधिक पैसे वसूलने वाले दो दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज
यूपी में कांटे की लड़ाई
फिलहाल 2024 में बीजेपी के लिए यूपी में लड़ाई कांटे की बनी हुई है.समाजवादी पार्टी INDIA गठबंधन में शामिल होने के बावजूद बड़े भाई की भूमिका में दिखाई दे रही है इससे साफ है कि,यूपी में लड़ाई भाजपा के लिए आसान नहीं है.माना जा रहा है कि,2019 के चुनाव में पार्टी ने जिस तरह से योगी कैबिनेट के कई मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़वाया था उसी तरह इस बार भी पार्टी मंत्रियों को चुनावी रण में उतार सकती है।अभी संपन्न हुए 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 4 केंद्रीय मंत्री और 21 सांसदों को चुनाव लड़वाया इसका फायदा पार्टी को मिला है।