Sundararajan Padmanabhan: पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन का चेन्नई में 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जनरल पद्मनाभन, जिन्हें सैन्य हलकों में प्यार से ‘पैडी’ कहा जाता था, ने 30 सितंबर 2000 से 31 दिसंबर 2002 तक थल सेनाध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना की सेवा की थी। अपने लंबे और सम्मानित करियर के दौरान जनरल पद्मनाभन को अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM) से सम्मानित किया गया था। उन्होंने चेन्नई में अंतिम सांसें लीं। जनरल पद्मनाभन ने एक स्वतंत्र तोपखाना ब्रिगेड और एक माउंटेन ब्रिगेड की कमान संभाली थी, और 15 कोर के कमांडर के रूप में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें AVSM से सम्मानित किया गया था।
जनरल पद्मनाभन का जन्म पांच दिसंबर 1940 को केरल के त्रिवेंद्रम में हुआ था। उन्होंने राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC) देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से पढ़ाई पूरी की। साल 1959 में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था।
सेना में महत्वपूर्ण भूमिकाएं
जनरल पद्मनाभन ने 1975 से जुलाई 1976 तक एक स्वतंत्र लाइट बैटरी की कमान संभाली। वह 1977 से मार्च 1980 तक गजाला माउंटेन रेजिमेंट की कमान भी संभाल चुके हैं। 1983 से मई 1985 तक उन्होंने माउंटेन डिवीजन के कर्नल जनरल स्टाफ के तौर पर भी काम किया। IMA में उन्होंने दो कार्यकाल बिताए। इसके बाद उन्होंने 1992 से जून 1993 तक 3 कोर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी काम किया।
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कश्मीर में सफल ऑपरेशन्स
लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद सुंदरराजन पद्मनाभन कश्मीर घाटी में 15 कोर के कमांडर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही सेना को कश्मीर में आतंकवादियों पर बड़ी सफलता मिली थी। सेना प्रमुख नियुक्त होने से पहले वह दक्षिणी कमान के जीओसी भी थे। 30 सितंबर 2000 को जनरल पद्मनाभन ने 20वें सेना अध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना का कार्यभार संभाला था। 31 दिसंबर 2002 में वह सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अपने कार्यकाल में भारतीय सेना को मजबूत करने और उसकी रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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शोक में डूबा पूरा देश
जनरल पद्मनाभन के निधन से भारतीय सेना और देश ने एक महान नेता और सच्चे देशभक्त को खो दिया है। उनकी मृत्यु पर भारतीय नौसेना और अन्य सैन्य बलों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनके लंबे और समर्पित सेवा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। जनरल पद्मनाभन का जीवन और सेवा न केवल सैन्य बलों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। उनके नेतृत्व और उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी सेवाओं ने न केवल भारतीय सेना को मजबूत किया, बल्कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता को भी सुरक्षित रखा। जनरल पद्मनाभन के निधन से देश को गहरा धक्का लगा है। उनके द्वारा किए गए योगदान और उनके नेतृत्व के लिए उन्हें हमेशा सम्मान और श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनकी स्मृति हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।