- प्रशान्त त्रिपाठी, डिजिटल
कानपुर: उत्तर प्रदेश के उद्योग और वाणिज्य केंद्र कानपुर ने हाल ही में नशे के व्यापार में हो रही वृद्धि के कारण भविष्य में “उड़ता पंजाब” के रूप में उभरने का संकेत दिया है। शहर में तेजी से बढ़ते नशे के व्यापार ने स्थानीय व्यापारियों के लिए नए आयाम स्थापित किए हैं और नौजवानों को नौकरी के नए अवसर प्रदान किए हैं।
नशे के व्यापार की चिंता के बावजूद, कानपुर ने हाल ही में भारतीय गणराज्य उत्तर प्रदेश के रूप में अपनी एक नई पहचान बनाई है। शहर को अब “उड़ता पंजाब” के नाम से भी जाना जाने लगा है, क्योंकि यहाँ के नशे के व्यापार में हो रही तेजी ने लोगों की ध्यान खींच लिया है।
कानपुर में लगातार बढ़ते नाईट क्लब एवं हुक्का बार में नशे के उत्पादों की बढ़ोत्तरी होती नजर आ रही है ऐसा ही एक विडियो कानपुर के “IGNITE हुक्का बार” सामने देखकर आप दांग रह जायेंगे कि किस प्रकार “हुक्के के धुवें” बच्चो को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.
by Prashant Tripathi
उद्यमिता से नशे के व्यापार का परिदृश्य बदल रहा है, कानपुर की ओर बढ़ते कदम
नशे के व्यापार में हो रही वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि वित्तीय लाभ, कानपुर के उद्योगी और व्यापारी समुदाय की नयी प्रतिष्ठा का निर्माण, और स्थानीय स्तर पर उद्यमिता की प्रोत्साहन। नशे के व्यापार के क्षेत्र में हो रहे निवेश ने नौजवानों को नए रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं जिससे शहर के युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता कम हो रही है।
कानपुर के व्यवसायिक सेक्टर में नयी दिशाएँ मिलने के साथ ही शहर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है। नशे के व्यापार से पैदा होने वाले लाभ ने स्थानीय सरकार को औद्योगिकीकरण की दिशा में और भी प्रोत्साहित किया है।
नशे के व्यापार में हो रही बढ़ती वृद्धि के साथ ही उपयोगकर्ताओं के बीच नशे के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। नशे के खिलाफ जागरूकता अभियानों और साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से नशे के खिलाफ लड़ाई में नगर के नागरिकों की सहभागिता भी बढ़ रही है।
युवा उद्यमिता से कानपुर बना नशे के व्यापार का हब
नशे के व्यापार के क्षेत्र में हो रही नवाचारों ने कानपुर को एक मजबूत आधार पर खड़ा किया है। यहाँ के व्यापारी ने नशे की निगरानी में और भी सख्ती बढ़ा दी है और साथ ही नशे के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया है। वे स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करके नशे के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं और युवाओं को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
‘उड़ता पंजाब’ ही नहीं नशे में उड़ रहे कई राज्य, देश में 455 फीसद बढ़ा ड्रग्स का बाजार
यूएनओडीसी के मुताबिक दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं। नशे के लिए पंजाब भले बदनाम हो, लेकिन उससे सटे राज्यों हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल और राजस्थान में भी हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। ड्रग्स के सौदागर देश के दूसरे राज्यों में भी तेजी से पांव पसार रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनओडीसी के वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं।
भारत में नशाखोरी की समस्या कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम तक में इसे मुद्दा बना चुके हैं। निजी संस्थाओं और सरकार भी नशामुक्ति के लिए नियमित जागरुकता अभियान चला रहे हैं। बावजूद जिस तरह से नशाखोरी के मामले देश के विभिन्न राज्यों में देखे जा रहे हैं, वह गंभीर चिंता का विषय हैं।
पंजाब से ज्यादा केरल और महाराष्ट्र में जानलेवा हो रहा नशा
जुलाई 2016 में राज्य सभा में पेश किए गए राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीबी) के नशे संबंधी आंकड़ों के अनुसार भारत में हर दिन ड्रग्स या शराब के चलते 10 मौतें या आत्महत्याएं होती हैं। इनमें से केवल एक मौत पंजाब में होती है। इन आंकड़ों के मुताबिक ड्रग्स की लत से जुड़ी सबसे ज्यादा आत्महत्याएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में होती हैं।