Sandeshkhali Case: बीते दिनो संदेशखाली का मुद्दा लगातार सुर्खियों में रहा है. महिलाओं से यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी ने राजनैतिक गलियारों में खूब चर्चा बटोरी थी. महिलाओ के साथ यौन शोषण का आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए कई दिनो तक फरार रहा. हालांकि 55 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले से जुड़ी याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और कहा कि अगर इसमें 1 फिसदी भी सच्चाई है तो ये बेहद ही शर्मनाक है. हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान की जाए और साथ ही संदेशखाली मामले में जिला प्रशासन और पश्चिम बंगाल सरकार को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
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मामले मे 1% भी सचाई है, तो ये शर्मनाक है- मुख्य न्यायाधीश
गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट में संदेशखाली मामले से जुड़ी याचिकाओ पर सुनवाई के दौरान, कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा कि कि भले भूमि कब्जाने और यौन हिंसा के आरोपों में सिर्फ 1 फीसदी ही सच्चाई क्यों न हो? अगर किसी महिला का एक भी शपथ पत्र सही है. तो ये बेहद ही शर्मनाक है. अदालत ने शेख शाहजहां का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को भी फटकार लगाई, जिन्हें अधिकारियों से लगभग दो महीने बचने के बाद 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. देरी से गिरफ्तारी के कारण बंगाल सरकार की आलोचना हुई और हाई कोर्ट को आदेश जारी करना पड़ा.
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शेख के वकील को अदालत ने लगाई फटकार
अदालत ने शाहजहां शेख का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को भी फटकार लगाते हुए कहा कि, 55 दिन आप भागे हुए थे, लुका-छिपी खेल रहे थे क्या? फिर आपने अचानक से अस्पष्ट रुख अपना लिया. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, आप अपनी आंखें बंद कर लेते हैं तो दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता है.
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कब सुर्खियो में आया संदेशखाली मामला
ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए फरवरी के अंत में अरेस्ट किया था.
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