UPPSC News : यूपीपीएससी RO और ARO के पेपर लीक मामले में मंगलवार को अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का घेराव करने पहुंच गए.कार्यालय के गेट के बाहर सड़क पर धरना देते हुए अभ्यर्थी वहीं बैठ गए और जमकर नारेबाजी की।अभ्यर्थियों ने नारे लगाए…प्रश्न जो बेच रहे, उनको ऐसा झटका दो… उनके जिंदा शीश काटकर चौराहों पर लटका दो….अभ्यर्थियों की मांग है कि,पेपर लीक मामले की जांच उच्चस्तरीय कमेटी से कराई जाए.समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा दोबारा कराई जाए.अभ्यर्थियों के आक्रोश को देखते हुए कार्यालय के गेट पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।
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जानते हैं कैसे और कब मचा ये बवाल?
दरअसल,18 फरवरी को राहुल गांधी जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान प्रयागराज पहुंचे थे तो यहां पर लक्ष्मी टॉकीज चौराहे पर उनके पहुंचते ही अभ्यर्थी नारेबाजी करने लगे.नारेबाजी में शामिल एक अभ्यर्थी अंकित को राहुल ने अपने पास बुला लिया और इस पूरे मामले को समझा….उन्होंने अभ्यर्थियों के साथ खड़े होने की बात कही और कहा कि,इस मामले को वो सदन में उठाएंगे।
आपको बता दें कि,समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा 11 फरवरी को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एकसाथ कई सेंटरों पर आयोजित हुई थी लेकिन, परीक्षा शुरू होने के कुछ समय पहले ही प्रश्न पत्र कुछ लोगों तक पहुंच चुका…अभ्यर्थियों की ओर से ऐसे आरोप लगाए गए इस बात को लेकर अभ्यर्थियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
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नहीं थम रहा पेपर लीक का मामला
पिछले 5 वर्षों में 16 राज्यों में अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक होने का मामला सामने आ चुका है.हाल के वर्षों में देशभर की भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले बहुत बड़ी संख्या में सामने आए हैं.पिछले 5 साल में 16 राज्यों में पेपर लीक होने की कम से कम 48 घटनाएं हुई हैं, जिससे सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई है।इससे लगभग 1 लाख 20 हजार पदों के लिये होने वाली भर्ती से करीब डेढ़ करोड़ आवेदकों का जीवन भी प्रभावित हुआ है।
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अभ्यर्थियों की क्या है मांग?
अभ्यर्थियों ने अपनी मांगे रखते हुए कहा है कि,जो भी छात्र पेपर लीक होने का साक्ष्य दे उसका नाम गोपनीय रखा जाए, इसके लिए आयोग को नोटिस भी जारी की जाए.जिस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्न पत्र छपे हैं उसे तत्काल प्रतिबंधित कर जांच किया जाए, जिससे आगामी पीसीएस 2024 की परीक्षाओं में प्रश्न लीक होने से बचा जा सके.कुछ परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने से पूर्व प्रश्न पत्र सील खुले थे उन केंद्रों को आगे के लिए बर्खास्त किया जाए।आयोग की किसी परीक्षा को गृह जनपद में न कराया जाए.सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे की समुचित व्यवस्था हो.आयोग जिस जांच एजेंसी से जांच करा रहा है संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नंबर को सार्वजनिक किया जाए और आयोग की आंतरिक कमेटी में एक पूर्व न्यायाधीश एवं वर्तमान न्यायाधीश को भी रखा जाए।