Indian Students In Abroad: भारत से हर साल लगभग लाखों स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए विदेश (Abroad) जाते है. वर्तमान में लगभग 78 देशों में भारतीय छात्र विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे है. अक्सर जब भारतीय स्टूडेंट्स की विदेश में पढ़ाई की बात उठती है तो ऐसा कहा जाता है कि सबसे ज्यादा मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्र वहां जाते है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. वास्तव में, भारतीय छात्र सबसे अधिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं.
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इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए विदेश जाने के कारण
- करियर अवसर: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक करियर संभावनाएं उपलब्ध होती हैं.
- काम का अनुभव: विश्व की शीर्ष इंजीनियरिंग कंपनियों के साथ काम करने का मौका मिलता है.
- अत्याधुनिक सुविधाएं: विदेश में अत्याधुनिक शिक्षा और शोध सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.
इंजीनियरिंग के प्रमुख क्षेत्र
- सिविल इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- केमिकल इंजीनियरिंग
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अन्य प्रमुख विषय
- गणित: इसमें स्टैटिस्टिक्स, एक्चुएरियल मैथेमेटिक्स और फाइनेंशियल मैथेमेटिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
- कंप्यूटर साइंस: इसके अंतर्गत इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कंप्यूटर फॉरेंसिक्स और इंफॉर्मेटिक्स आते हैं.
- बिजनेस स्टडीज: भारतीय छात्र बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बिजनेस मैनेजमेंट, बिजनेस इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल बिजनेस और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं.
- मेडिसिन: इसमें सर्जरी, मेडिकल टेक्नोलॉजी, रेडियोग्राफी, नर्सिंग, मेडिकल साइंसेस और हेल्थकेयर शामिल हैं.
विदेश में पढ़ाई के फायदे
- आपके सीवी को बढ़ावा मिलता है.
- आप अंतरराष्ट्रीय स्तर की सेवाओं और कार्यप्रणाली से परिचित होते हैं.
- बेहतरीन सुविधाओं और प्रोफेशनल्स के साथ काम करने का अनुभव मिलता है.
- विदेश में मिला वर्क एक्सपीरियंस आपको ऊँचे पदों पर जाने में मदद करता है.
- करियर अवसरों में वृद्धि होती है और अंतरराष्ट्रीय संपर्क बनते हैं.
लोकप्रिय देश
- अमेरिका: सबसे अधिक भारतीय छात्र यहां पढ़ाई के लिए जाते हैं.
- कनाडा: अमेरिका की तुलना में सस्ता और अच्छी शिक्षा होने के कारण यह दूसरे स्थान पर है.
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट
आपको बता दे कि विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अभी भारत के छात्र करीब 78 देशों में शिक्षा पा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा भारतीय छात्र विदेशी धरती के नाम पर यूएस को चुनना चाहते हैं. यहां पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बहुत अधिक है. इसके बाद अगले नंबर पर कनाडा आता है.
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