Weather Update: देश के अलग-अलग राज्यों में गर्मी ने अभी से अपने तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं।मौसम विभाग की मानें तो कई राज्यों में पारा 43 डिग्री के पार जा चुका है| आईएमडी के अनुसार, बीते महीने फ़रवरी में गर्मी ने पिछले 125 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।जानिए इस बीच अब आपके शहर में कैसा रहेगा आने वाले दिनों में मौसम का हाल?

सर्दी बीतते ही तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी दिखाई दे रही है इसका अनुमान हम ऐसे लगा सकते हैं कि,इस साल यानी 15 मार्च 2025 को ओडिशा और झारखंड में अबतक की सबसे गर्म रात दर्ज की गई, जबकि पिछले साल 2024 में यह स्थिति 27 मार्च को गुजरात और महाराष्ट्र में देखने को मिली थी और साथ ही इस बार फरवरी महीने से ही लू का भी असर देखने को मिल रहा है।25 फरवरी 2025 को गोवा और महाराष्ट्र में इस साल की पहली लू दर्ज की गयी।
तापमान में हुई बढ़ोत्तरी
भारतीय मौसम विभाग की माने तो पिछले 125 सालो से फरवरी में इतनी गर्मी कभी देखने को नहीं मिली।गर्मी की शुरुआत होते ही मौसम में ना केवल लू का असर समय से पहले दिखाई दे रहा है बल्कि इसकी तीव्रता में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है| 16 मार्च 2025 को ओडिशा के बौध में सबसे अधिक तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, तो वहीँ झारसुगड़ा और बोलंगीर में भी तापमान क्रमशः 42 और 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। फ़रवरी 2025 के चलते भारत के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रात का तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक देखने को मिला।

11 से 23 फरवरी के बीच देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक दिन रात का तापमान सामान्य से ज्यादा बताया गया| ओडिशा और झारखंड ने 15 मार्च 2025 को अपनी पहली गर्म रात महसूस की जबकि 2024 में यह 5 अप्रैल और 29 मई को दर्ज की गई थी।
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10 राज्यों में तापमान 5 डिग्री के पार
ओडिशा के साथ दस राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशो में रात का तापमान सामन्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस से पार रहा।ओडिशा में 12 और 20 फरवरी, 2025 दोनों दिन ऐसा देखने को मिला है, मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम में भारत के दो स्थानों, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में रात का तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया।
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पहाड़ी इलाकों का भी बुरा हाल

हिमाचल प्रदेश समेत कई ऐसे पहाड़ी इलाके और दक्षिण में केरल जैसे राज्यों ने इससे पहले फरवरी-मार्च में हीटवेव का अनुभव नहीं किया है लेकिन इस बार अत्यधिक तापमान की उच्च आवृति प्रदर्शित कर रहे हैं, कर्नाटक में 2030 तक 2.0 डिग्री सेल्सियस गर्म होने का अनुमान लगाया गया है, ऐसा माना जा रहा है कि,यह क्षेत्र भीषण गर्मी की चपेट में आ सकता है जिसमे कमजोर आबादी के लिए भी अधिक खतरा पैदा हो सकता है।