Asaram Bapu News: गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम को मेडिकल आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत देने का फैसला किया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लिया गया, जिसमें पहले से ही 31 मार्च तक आसाराम को अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर रहने की अनुमति थी। आसाराम ने 6 महीने की अंतरिम जमानत की मांग की थी, लेकिन गुजरात हाईकोर्ट में दो जजों की डिवीजन बेंच में सहमति न बनने के बाद मामला लार्जर बेंच के पास भेजा गया। लार्जर बेंच ने सुनवाई के बाद तीन महीने की जमानत मंजूर कर दी।
30 जून 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति

बताते चले कि, अब आसाराम को 30 जून 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति मिल गई है। यह जमानत मेडिकल आधार पर दी गई है, जिसका अर्थ है कि उनका इलाज जारी रहेगा। आसाराम 2013 से जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ यौन शोषण से जुड़े कई गंभीर मामले दर्ज हैं। जमानत मिलने के बाद अब उन्हें अपने इलाज के लिए बाहर रहने का अवसर मिलेगा, हालांकि उन्हें हर समय डॉक्टर्स की निगरानी में रहना होगा।
स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने दी पैरोल
आपको बता दे कि, आसाराम की स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जोधपुर कोर्ट ने उन्हें 31 मार्च तक पैरोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने इस पैरोल को शर्तों के साथ मंजूर किया, जिसमें यह भी शर्त थी कि आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकते, न ही प्रवचन कर सकते हैं या मीडिया से बात कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जोधपुर कोर्ट के आदेशानुसार आसाराम के साथ पैरोल के दौरान तीन पुलिसकर्मी भी रहेंगे, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
इलाज के लिए आयुर्वेद और नेचुरोपैथी उपचार
आसाराम की स्वास्थ्य समस्याओं में प्रोस्टेट और हार्ट ब्लॉकेज जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। उनके इलाज के लिए डॉक्टरों ने नेचुरोपैथी और आयुर्वेदिक पंचकर्म उपचार की व्यवस्था की है, ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके। उनका इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा है, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वह स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें।
बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा

आसाराम पर 2013 में बलात्कार का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें सजा सुनाई गई थी। वह वर्तमान में इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और जोधपुर कोर्ट ने उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दी है, ताकि वह इलाज करा सकें और उनकी स्थिति में सुधार हो सके। सुप्रीम कोर्ट और जोधपुर कोर्ट की बेंच ने आसाराम को अंतरिम जमानत दी थी, ताकि वह अपने इलाज के दौरान जेल से बाहर रह सकें। इस जमानत के तहत आसाराम को शर्तों के साथ बाहर रहने की अनुमति दी गई है, और यह फैसला उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।