Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Stampede) के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जिसमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। यह हादसा उस समय हुआ जब सत्संग के अंत में लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। भगदड़ के भयावह मंजर ने पूरे देश को हिला दिया और आस-पास के जिलों में भी डर का माहौल फैल गया।
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सबूत छिपाने की कोशिश
हाथरस में हुआ हादसा इतना भयानक था कि देखने वालों की रूह तक कांप उठी। लोग एक दुसरे को कुचल कर आगे बढ़ गए। न जाने कितने मासूमों की जान चली गयी। इन सबके बाद भी उस बाबा का दिल न पिघला यही नहीं उसके सेवकों ने इस बात को दबाने के लिए इस हद तक गिर गए जिसकी कोई सीमा नहीं। मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य अज्ञात आयोजकों और सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और सबूत छिपाने की धारा में मामला दर्ज किया गया है। आयोजकों ने 80 हज़ार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी, लेकिन आयोजन में ढाई लाख लोग पहुंचे थे। ट्रैफिक मैनेजमेंट का कोई इंतजाम नहीं था। भगदड़ में घायल हुए लोगों की चप्पलों को सबूत छुपाने की मंशा से बगल के खेत में फेंका गया।
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फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड की जांच
फोरेंसिक टीम डॉग स्क्वॉड के साथ जांच में जुट गई है। इस मामले की जांच के लिए एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में मंडलायुक्त अलीगढ़ को शामिल करते हुए एक टीम बनाई गई है, जो अविलंब रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के तीन मंत्री भी वहां घायलों के उपचार की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। घटनास्थल पर डीजीपी और गृह सचिव मौजूद हैं और राहत कार्य का जायजा ले रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है।
116 लोगों की मौत, अधिकतर महिलाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस हादसे में 116 लोगों की जान गई है, जिसमें 7 बच्चे और 1 पुरुष को छोड़कर सभी महिलाएं हैं। घटनास्थल का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें महिलाओं को रोते-बिलखते हुए देखा जा सकता है। दूर-दराज के इलाकों से महिलाएं सत्संग में शामिल होने आई थीं। जांच में पता चला है कि बाबा जहां पैर रखते थे, वहां की मिट्टी को भक्त पवित्र मानते थे और इसे अपने घर ले जाने के लिए लोग उमड़े थे। महिलाएं इसे अपने आंचल में बांध लेती थीं। बाबा के मार्ग में सजाई गई रंगोली की धूल को भी महिलाएं अपने पल्लू में बांध लेती थीं। इसी चमत्कारी मिट्टी के चक्कर में भगदड़ मच गई।
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प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। भारत सरकार और राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल नागरिकों के लिए 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
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