Hathras: हाथरस, उत्तर प्रदेश में सत्संग के दौरान एक भयानक हादसा हुआ है, जिसमें अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों से भी ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. यह हादसा सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में हुआ, जहां ‘भोले बाबा’ के नाम से जाने जाने वाले सत्संग कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु इकट्ठे थे. इस कार्यक्रम में अनुमानित 80 हजार लोगों की आगवाई के बावजूद, अन्य प्रदेशों से लगभग ढाई लाख लोगों की भीड़ आ गई, जिसके कारण सभी व्यवस्थाएं बिगड़ गई.
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भीड़ का दबाव बढ़ा और लोगों में मची भगदड़

व्यवस्था बिगड़ने के बाद, जब ‘भोले बाबा’ अपने कार्यक्रम से निकल रहे थे, तो उनके भक्त उन्हें देखने के लिए बेकाबू हो गए और भीड़ बेकाबू हो गई. इस हादसे में जीटी रोड पर भीड़ का दबाव बढ़ा और लोगों में भगदड़ मच गई, जिसके चलते अधिकांश महिलाएं और बच्चे प्रभावित हुए. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने यातायात को अवरुद्ध करने की कोशिश की, लेकिन उनकी प्रयासों में सफलता नहीं मिली.
एफआईआर में किसका नाम शामिल ?
बताते चले कि इस हादसे में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें सत्संग के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजक शामिल हैं.ये FIR भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत दर्ज की गई है. हालांकि, हाथरस हादसे की FIR में नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ का नाम तक नहीं है. आपको बता दे कि ये वही बाबा है जिसके कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की जान चली गई.
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आयोजन समिति की विफलता

दर्ज की एफआईआर के मुताबिक, आयोजकों ने 2 जुलाई को हुए कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के आने की बात कही थी. लेकिन इसमें यूपी समेत दूसरे प्रदेशों से करीब ढाई लाख लोग आ गए जिसके कारण पूरी व्यवस्था बिगड़ गई और जब बाबा सत्संग करके निकलने लगे तो उनके भक्त उन्हें देखने के लिए बेकाबू हो गए. इसी बीच भगदड़ मच गई. भगदड़ में अभी तक 121 लोगों की मौत की खबर सामने आई है. इस घटना में आयोजन समिति की विफलता और उनके भक्तों के अनुशासन की कमी का मुद्दा भी उठाया गया है. इस दुखद घटना ने हर कोई को चौंका दिया है.
एफआईआर में बड़ा दावा

एफआईआर में यह भी दावा किया गया है कि नारायण साकार हरि बाबा उर्फ बाबा भोले के सत्संग में करीब ढाई लाख लोग इकट्ठा हुए थे. सत्संग खत्म होने का बाद बाबा के चरण छूने की होड़ मच गई. बताते चले कि भोले बाबा 18 घंटे से फरार है. उसके बारे में पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को भनक नहीं लगी है. इस पूरे मामले को लेकर लगातार पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यूपी के सीएम योगी ने साफ किया है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. हादसे के समय एसडीएम और सीओ मौके पर मौजूद थे.
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