Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ (Hathras) घटना में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए सदस्यों में उपेंद्र, मंजू यादव, और मुकेश कुमार शामिल हैं। घटना के बाद, अलीगढ़ के आईजी शलभ माथुर ने पुष्टि की कि मृतकों की संख्या 121 है। सभी शवों की पहचान हो चुकी है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। आईजी शलभ माथुर ने बताया कि नयी भारतीय न्याय संहिता की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया गया है।

आईजी शलभ माथुर ने जानकारी दी कि हादसे के मुख्य आरोपी मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। आईजी ने बताया कि आयोजकों ने पहले भीड़ को रोक दिया था और फिर अचानक भीड़ को छोड़ने से यह हादसा हुआ। महिलाएं और बच्चे एक-दूसरे के ऊपर गिर गए। बाबा के पैरों की धूल स्पर्श करने के लिए भीड़ बाबा की गाड़ी के पास पहुंची थी, जिससे भगदड़ मच गई।
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सत्संग के बाद मची थी भगदड़

मंगलवार दोपहर करीब दो बजे के आसपास यह हादसा हुआ जब सत्संग समाप्त हो चुका था और भीड़ अपने वाहनों की ओर जा रही थी। कार्यक्रम स्थल पर जगह समतल नहीं थी, जिससे भोले बाबा के पैर छूने की होड़ में भगदड़ मच गई। हाथरस (Hathras Stampede) में आयोजित सत्संग में मची भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। इस सत्संग का आयोजन ‘भोले बाबा’ उर्फ बाबा नारायण हरि के संगठन द्वारा किया गया था। मरने वालों में सात बच्चे और 100 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। हादसे के बाद सत्संग स्थल श्मशान घाट जैसा बन गया, जहां लाशों का ढेर लगा हुआ था।
बाबा नारायण हरि के आश्रम की घेराबंदी

हादसे के बाद बाबा नारायण हरि की तलाश में पुलिस मैनपुरी के बिछवा इलाके में पहुंची थी, जहां बाबा के आश्रम को चारों तरफ से घेर लिया गया था। हाथरस में हुए हादसे के बाद मंगलवार देर रात भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां कस्बा स्थित अपने आश्रम पर पहुंचे। इसके बाद से ही पुलिस ने आश्रम की घेराबंदी कर दी और बाबा को नजरबंद कर दिया। हालांकि, पुलिस आश्रम में बाबा की मौजूदगी से इनकार कर रही है। इसके बावजूद, आश्रम के आसपास पुलिस की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
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अशांत माहौल के कारण सुरक्षा बढ़ी
इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और लोग आश्रम के अंदर के रहस्यों को जानने के लिए बेचैन हैं। प्रशासन की ओर से स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस और खुफिया विभाग की टीमें आश्रम के आसपास डेरा जमाए हुए हैं। आश्रम के अंदर के हालात और बाबा की गतिविधियों को लेकर जनता में चिंता और उत्सुकता बनी हुई है।
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घायलों का इलाज जारी

घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। साथ ही, इस मामले में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए प्रशासन से संपर्क करने की अपील की गई है। पुलिस की जांच जारी है और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि शेष दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस हादसे ने धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
हाथरस भगदड़ मामले में हुई इस भयानक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। लोगों की सुरक्षा और धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण को लेकर सख्त नियम बनाए जाने की आवश्यकता है।
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