Haryana Elections: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने बागी नेताओं पर कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता बर्दाश्त न करते हुए यह कदम उठाया है। पार्टी ने अपने आठ बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है, जिनमें पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला (Ranjit Singh Chautala) भी शामिल हैं।
बागी नेताओं को निष्कासित करने का फैसला
बीजेपी ने यह सख्त कार्रवाई उन नेताओं पर की है जो टिकट न मिलने के कारण पार्टी से नाराज़ थे और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे। हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने जानकारी दी कि पार्टी ने इन नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, “बीजेपी में अनुशासन सर्वोपरि है, और जो नेता पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं, उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।”
निष्कासित नेताओं की सूची
अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर किए गए नेताओं के नाम इस प्रकार हैं:
- रणजीत सिंह चौटाला – रानिया सीट
- देवेंद्र कादयान – गन्नौर सीट
- संदीप गर्ग – लाडवा सीट
- जिलेराम शर्मा – असंध सीट
- बच्चन सिंह आर्य – सफीदो सीट
- राधा अहलावत – महम सीट
- नवीन गोयल – गुरुग्राम सीट
- केहर सिंह राव – हथीन सीट
चुनावी सर्वे में नकारात्मक रिपोर्ट बनी टिकट कटने की वजह
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक आंतरिक सर्वेक्षण कराया था। इस सर्वे के आधार पर जिन नेताओं की छवि और कामकाज को लेकर नकारात्मक रिपोर्ट आई, उनका टिकट काट दिया गया। इसमें पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल था। चौटाला की जगह रानिया विधानसभा सीट से शीशपाल कंबोज को बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया, जिससे चौटाला नाराज हो गए थे। उन्होंने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
अन्य बागी नेता भी आए सामने
रणजीत सिंह चौटाला के अलावा अन्य बागी नेताओं ने भी टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ने का रास्ता अपनाया, जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा। इन नेताओं के खिलाफ बीजेपी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए यह संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कांग्रेस ने भी की थी सख्त कार्रवाई
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस ने भी अपने 24 बागी नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निष्कासित कर दिया था। कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला करने वाले 13 नेताओं को भी पार्टी से बाहर कर दिया था। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कई नेता टिकट न मिलने से नाराज़ थे, लेकिन दोनों पार्टियां अधिकांश नेताओं को मनाने में सफल रही थीं।
बीजेपी की तीसरी बार सत्ता वापसी की कोशिश
हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। बीजेपी इस बार लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। पार्टी ने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रणजीत चौटाला, जो इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, विधानसभा सदस्यता छोड़कर हिसार से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। अब विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत का रास्ता चुना, जिसके चलते पार्टी को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
Read more: Delhi building collapsed: रोहिणी में निर्माणाधीन इमारत की की छत ढही, दो मजदूरों की मौत, चार घायल