Haryana Election Results: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में हिसार विधानसभा सीट (Hisar seat) पर निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल ने शानदार जीत दर्ज की है। सावित्री जिंदल (Savitri Jindal) ने 49,231 वोट प्राप्त किए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस के राम निवास को 30,290 वोट मिले। इस प्रकार, सावित्री ने 18,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। बीजेपी के मौजूदा विधायक डॉ. कमल गुप्ता इस बार 17,385 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
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सावित्री, राम निवास और कमल गुप्ता के बीच रहा कड़ा मुकाबला
इस चुनाव में हिसार सीट पर सावित्री जिंदल, राम निवास राड़ा और डॉ. कमल गुप्ता के बीच एक-दूसरे के खिलाफ कड़ा मुकाबला देखने को मिला। बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक डॉ. कमल गुप्ता को फिर से टिकट दिया था, जबकि कांग्रेस ने गुप्ता के खिलाफ राम निवास राड़ा को मैदान में उतारा। लेकिन असली दिलचस्पी तब शुरू हुई जब कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने इस सीट से निर्दलीय नामांकन भरा।
सावित्री जिंदल का राजनीति का सफर
सावित्री जिंदल का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। उन्होंने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर हिसार से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2014 के चुनाव में वह डॉ. कमल गुप्ता से हार गई थीं। 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, जबकि गुप्ता ने फिर से विजय प्राप्त की। इस बार, सावित्री ने बीजेपी में रहते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और यह कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। उनका यह बयान उनके चुनावी इतिहास में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
वोटों की गिनती में आयी रोचकता
गिनती के 12 राउंड में साफ हुआ कि सावित्री जिंदल ने जनता का समर्थन अपने पक्ष में कर लिया है। शुरुआती रुझानों में, राम निवास राड़ा और डॉ. कमल गुप्ता के बीच कांटे की टक्कर थी, लेकिन समय के साथ सावित्री ने अपनी बढ़त बना ली। इस प्रकार, उनकी जीत ने न केवल उनकी राजनीतिक वापसी को दर्शाया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए मतदाता के मन में जगह बनी हुई है।
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हरियाणा चुनाव का राजनीति पर प्रभाव
सावित्री जिंदल की जीत हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। यह परिणाम यह भी दर्शाता है कि हरियाणा में मतदाता राजनीतिक पार्टियों के पारंपरिक मानदंडों को चुनौती दे रहे हैं और उनके सामने विकल्पों को खुले दिल से स्वीकार कर रहे हैं। सावित्री जिंदल का निर्दलीय रूप से जीतना यह दर्शाता है कि मतदाता अब अपनी आवाज़ को प्रमुख पार्टियों के बजाय व्यक्तिगत उम्मीदवारों के माध्यम से व्यक्त करना चाहते हैं।