Loksabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बहुत ही कम समय बचा है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां भी शुरु कर दी है. एक ओर जहां सभी दल अपनी तैयारियों में लगे हुए है, वही दूसरी ओर राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से पाला बदलने का कार्यक्रम भी बहुत ही जोर शोर से चल रहा है. अभी तक अन्य दलों के कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने की होड़ लगी हुई है. इसी बीच पूर्व बसपा नेता और पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली भी लखनऊ में सपा की साइकिल पर सवार हो गए है.
Read More: उपराज्यपाल ने रोकी Delhi सरकार की सोलर पॉलिसी,Kejriwal ने जीरो बिजली बिल आने का किया था दावा….
सपा में शामिल हुए गुड्डू जमाली
पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने आज हजारों साथियों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली है. साल 2022 में लोकसभा सीट पर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को पटखनी देने का कारण बनने वाले शाह आलम गुड्डू जमाली को आज सपा ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है. गुड्डू जमाली 2017 से 2022 तक बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर विधायक रहे पर 2022 चुनाव के दौरान उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा देकर सपा में आने की कोशिश की थी लेकिन उस दौरान समाजवादी पार्टी में बात नहीं बन पाई थी.
क्या बोले अखिलेश यादव ?
अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे याद हैं कि 2022 के चुनाव से पहले गुड्डू जमाली हमारे पास आए थे लेकिन किसी वजह से हमारा साथ नही हो सका था.आज 2024 के चुनाव से पहले उन्होंने आने का नही बल्कि मैंने उन्हें बुलाने का काम किया हैं.जिस तरह से कभी समुद्र मंथन हुआ था इस बार संविधान मंथन होने जा रहा हैं. एक तरफ वो हैं जो संविधान के रक्षक होंगे, दूसरी ओर वो होंगे जो संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं.मुझे खुशी हैं कि हमारा PDA परिवार बढ़ता चला जा रहा है. इस दौरान गुडु जमाली ने कहा उन्होंने ने सपा की आज दिल से सदस्यता ली है और आजीवन सपा के होकर रहेंगे.
अखिलेश यादव खेलेंगे बड़ा दांव
अब ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश या फिर धर्मेंद्र फिर से चुनाव लड़ सकते है. ऐसे समय में गुड्डू जमाली का सपा में आने से पार्टी को काफी ज्यादा फायदा मिलेगा. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 13 सीटों पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव में सपा गुड्डू को उम्मीदवार घोषित कर सकती है.गुड्डू जमाली पसमांदा मुस्लिम समाज से आते है, ऐसे में अखिलेश एक बड़ा दांव खेल सकते है. अखिलेश यादव गुड्डू जमाली को विधान परिषद भेज सकते है. इसके साथ ही मुस्लिम को एमएलसी बनाकर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की अपनी मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं. राज्यसभा में किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी न बनाए जाने से पार्टी में अंदरखाने नाराजगी भी चल रही है, जिसे सपा विधान परिषद चुनाव के जरिए दूर करेगी.
Read More: Crime: पति की हत्या की साजिश रचने वाली पत्नी सहित 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा