Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.कथित दिल्ली शराब घोटाला मामले में जहां ED द्वारा लगातार समन भेजे जाने के बावजूद केजरीवाल के न पेश होने पर सुप्रीमकोर्ट का ED के पक्ष में फैसला आया है तो वहीं अभी कुछ दिन पहले जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेस करके सोलर पॉलिसी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था उस पर भी अब LG की तरफ से रोक लगा दी गई है.
इससे पहले प्रेस कांफ्रेस में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि,सोलर पॉलिसी से दिल्ली के लोगों का बिजली का बिल जीरो हो जाएगा.सीएम केजरीवाल की ओर से इस नीति के तहत छतों पर सोलर पैनल लगाने वाले लोगों को प्रोत्साहन उत्पादन राशि देने का ऐलान किया गया था.वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा सोलर पॉलिसी रोकने के बाद दिल्ली विधानसभा में मंत्री आतिशी ने राज्यपाल पर भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि,जो कार्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को करना चाहिए वो कार्य उपराज्यपाल भाजपा के लिए कर रहे हैं.जिसके बाद सोलर पॉलिसी रोकने के विरोध में सदन में निंदा प्रस्ताव पास किया गया।
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4 साल में वापस आ जाएंगे पैसे-दिल्ली सरकार

सोलर पॉलिसी को लेकर दिल्ली सरकार ने कहा कि,सोलर पैनल लगवाने के बाद उपभोक्ताओं की 25 साल तक बिजली फ्री रहेगी.दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि,इस पॉलिसी के तहत जो लोग सोलर पैनल खरीदने में पैसा निवेश करेंगे,उनका पैसा 4 साल के अंदर रिकवर हो जाएगा,क्योंकि हमने इस पॉलिसी के तहत कई सब्सिडी का प्रावधान किया है।
दिल्ली सरकार पर झूठ बोलने का आरोप
दिल्ली सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए LG ने कहा कि,केजरीवाल सरकार आदतन झूठ बोल कर लोगों को गुमराह कर रही है, LG ने सोलर पॉलिसी नहीं रोकी है.इसके बाद उपराज्यपाल की तरफ से बयान आया कि,पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है,जिससे लोगों का बिजली का बिल जीरो हो जाए.इसके उलट पॉलिसी मे एक “रेसको” प्रावधान है,जिससे सिर्फ निजी बिजली कंपनियों को फ़ायदा होगा.उपराज्यपाल ने इसी प्रावधान को लेकर दिल्ली सरकार से विवरण मांगा है.जिसके बाद उपराज्यपाल ने सरकार से ये भी पूछा कि,क्या इस पॉलिसी में भारत सरकार की हजारों करोड़ की कैपिटल सब्सिडी से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिये सामन्जस्य का प्रावधान है।
ED के पक्ष में SC का फैसला

ईडी की जांच और समन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है.सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु के कथित तौर पर हुए रेत खनन के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि,अधिकारियों को एजेंसी के समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना जरूरी बताया है.इसके साथ ही अदालत ने कलेक्टरों को एजेंसी की निर्धारित तारीख पर जांचकर्ताओं के सामने पेश होने का आदेश दिया है।
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