Gaganyaan Mission 2026: इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने शनिवार को दिल्ली में सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर के दौरान भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों की आगामी योजनाओं का खुलासा किया। इसरो प्रमुख ने घोषणा की कि 2026 में भारत का गगनयान मिशन अंतरिक्ष में जाएगा, जिससे भारत की मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। साथ ही, 2028 में चंद्रयान-4 मिशन भी लॉन्च होगा, जो चंद्रमा के अध्ययन को लेकर भारत की वैज्ञानिक योजना को और मजबूत करेगा।
भारत-अमेरिका की साझेदारी से NISAR मिशन अगले साल तैयार
भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रोजेक्ट मिशन NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) की बात करते हुए सोमनाथ ने बताया कि इसे अगले साल पूरा किया जाना है। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी पर होने वाले बदलावों का अध्ययन करना है, और यह खासतौर पर जलवायु परिवर्तन, भूस्खलन, और वन कटाव जैसे मुद्दों पर डेटा इकट्ठा करने में सहायक होगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना से भारत और अमेरिका के अंतरिक्ष अनुसंधान संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।
जापान के साथ होगी चंद्रयान-5 की लॉन्चिंग
एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रमा के ध्रुवीय इलाकों का अध्ययन करने के लिए इसरो, जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ मिलकर एक साझा परियोजना पर काम कर रहा है। इस मिशन को ‘लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन’ या चंद्रयान-5 का नाम दिया गया है। इसरो प्रमुख ने इस मिशन की लॉन्चिंग तारीख की घोषणा नहीं की, लेकिन पहले यह मिशन 2025 के पहले पूरा होना था। अब संभावना है कि 2028 में चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग के बाद ही इसे लॉन्च किया जाएगा।
ग्लोबल स्पेस इकोनॉमी में भारत बढ़ाएगा अपना हिस्सा
एस. सोमनाथ ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। अगले 10 वर्षों में भारत का लक्ष्य ग्लोबल स्पेस इकोनॉमी में अपनी हिस्सेदारी को कम से कम 10% तक बढ़ाना है, जो फिलहाल करीब 2% है। यह वृद्धि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करने और भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।
भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में नए मिशन की तैयारी
इन महत्वाकांक्षी मिशनों से इसरो न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति की दिशा में आगे बढ़ रहा है, बल्कि यह भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने का अवसर भी है। गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त मिशन होगा, जो अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा। इसके साथ ही चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशनों से भारत चंद्रमा के रहस्यों को समझने और चंद्र सतह के ध्रुवीय इलाकों का अध्ययन करने में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगा। भारत के बढ़ते अंतरिक्ष मिशनों और वैश्विक साझेदारियों से स्पष्ट है कि इसरो न केवल भारतीय वैज्ञानिकों के सपनों को साकार कर रहा है, बल्कि पूरी दुनिया में वैज्ञानिक अनुसंधान और खोज के लिए नई संभावनाएं खोल रहा है।