UP Free Electricity: उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य के नागरिकों को बड़े लाभ देने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत, एक लाख मकानों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे बिजली बिल में कमी आएगी। हालांकि, अब तक केवल 2300 मकानों पर ही सोलर प्लांट लगाए जा सके हैं, जबकि योजना का लक्ष्य कहीं अधिक था। अब, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के घरों पर सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है, ताकि योजना को गति मिल सके।
सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य
जिले में सोलर एनर्जी प्लांट लगाने का उद्देश्य पूरा करने के लिए, प्रशासन ने अब सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के घरों पर सोलर प्लांट लगाने का फैसला किया है। जिला प्रशासन का अनुमान है कि इन कर्मचारियों और शिक्षकों की संख्या करीब 12,000 है। इसके लिए, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नूपुर गोयल ने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को पत्र भेजकर कर्मचारियों और शिक्षकों को इस योजना में शामिल करने का निर्देश दिया है।
सोलर प्लांट से कैसे कम होगा बिजली बिल?
इस योजना के तहत, जिन व्यक्तियों के घरों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार से सब्सिडी मिलती है। सब्सिडी की राशि एक किलोवाट क्षमता वाले प्लांट पर 45,000 रुपये तक होती है, जबकि तीन किलोवाट या इससे अधिक क्षमता वाले सोलर प्लांट पर अधिकतम 1.8 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है।इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि घरों में बनी सोलर बिजली का उपयोग सीधे घर में होता है। यदि बिजली का पूरा उपयोग नहीं होता है, तो उसे सीधे ग्रिड पर भेज दिया जाता है और उसकी मीटरिंग की जाती है। महीने के अंत में, सरकार से ली गई बिजली और सरकार को दी गई बिजली के अंतर के आधार पर बिल तैयार होता है। इससे यह दावा किया जा रहा है कि सोलर सिस्टम लगाने से बिजली बिल काफी कम हो जाएगा।
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सरकारी कर्मचारियों को कैसे मिलेगा लाभ?
अब तक योजना के तहत आम नागरिकों ने ही सोलर प्लांट लगाए हैं, लेकिन लक्ष्य पूरा करने के लिए अब सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों को इस योजना में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। इस पहल के तहत ग्रुप-तीन के स्थानीय कर्मचारियों और बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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विभागों में हो रही बैठकें
योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी सरकारी विभागों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों में कर्मचारियों को योजना के लाभ के बारे में जानकारी दी जा रही है, ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें। यूपीनेडा के परियोजना अधिकारी प्रमोद शर्मा का कहना है कि विभाग इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं, और उम्मीद है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी इस योजना का हिस्सा बनेंगे।
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सोलर प्लांट के लिए मिलने वाली सब्सिडी
- इस योजना के तहत सोलर एनर्जी सिस्टम पर दी जा रही सब्सिडी की राशि निम्नलिखित है:
- एक किलोवाट सिस्टम पर 45,000 रुपये
- दो किलोवाट सिस्टम पर 90,000 रुपये
- तीन किलोवाट और उससे अधिक सिस्टम पर 1,80,000 रुपये