लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम
लखनऊ। एसटीएफ ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा रविवार को आयोजित कनिष्ठ सहायक परीक्षा में लखनऊ से पांच सॉल्वर को गिरफ्तार किया है। पहले आयोग द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए चिन्हित किए गए। इसके बाद एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया। आयोग के मुताबिक लखनऊ के 56 और आगरा के 22 केंद्रों में आयोजित परीक्षा में कुल 41,037 अभ्यर्थियों में से 21,977 (53.5 प्रतिशत) मुख्य परीक्षा में शामिल हुए।
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छह सॉल्वर को चिन्हित किया
परीक्षा केंद्रों पर आयोग ने एआई आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से छह सॉल्वर को चिन्हित किया। जो वास्तविक अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। इनमें से पांच को एसटीएफ के हवाले कर दिया गया। एसटीएफ के मुताबिक चिनहट स्थित एनडब्लूपी इंटर कालेज से जौनपुर निवासी शिवम गुप्ता, जानकीपुरम स्थित न्यूवे ग्रीन इंटर कॉलेज से भदोही निवासी शिव नारायण मौर्य, गोमतीनगर स्थित महामना मालवीय विद्या मंदिर से झारखंड निवासी धीरज कुमार शर्मा, आशियाना स्थित आदर्श पब्लिक इंटर कालेज से गोरखपुर निवासी कमलेश निषाद और गुडंबा स्थित ट्रिनिटी अकादमी से लखनऊ निवासी अखिलेश सिंह को दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किया गया है।
कनिष्ठ सहायक परीक्षा: फर्जी आधार कार्ड मिला
एसटीएफ के एएसपी अमित कुमार नागर की टीम द्वारा चिनहट से गिरफ्तार शिवम गुप्ता के पास से फर्जी आधार कार्ड मिला है। उसने बताया कि प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के उसकी मुलाकात रायबरेली निवासी अभिषेक कुमार से हुई थी। उसने मुझे कटरा में एमएम सर नामक व्यक्ति से मिलाया। एमएम सर के कहने पर मैंने वाराणसी में सुधांशु नामक अभ्यर्थी के स्थान पर एसएससी एमटीएस की परीक्षा दी थी। आज मैं अभिषेक के साथ प्रयागराज से लखनऊ आया था। एसटीएफ अभिषेक और एमएम सर के बारे में पता लगा रही है।
जानकीपुरम के परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार भदोही निवासी शिव नारायण मौर्य अपने भाई शिव प्रसाद की जगह परीक्षा दे रहा था। दोनों का चेहरा आपस में मिलता-जुलता होने की वजह से उसने प्रवेश पत्र पर अपना फोटो लगा दिया था। वहीं डिप्टी एसपी संजीव कुमार दीक्षित की टीम ने गोमतीनगर के परीक्षा केंद्र से झारखंड के कोडमा निवासी धीरज कुमार शर्मा को पकड़ा है। बीएससी करने के बाद बीएड की पढ़ाई कर रहे धीरज को उसके साथी प्रदीप यादव ने परीक्षा में बैठने के लिए दस हजार रुपये देने का लालच दिया था। वह देविरया निवासी अंकित राव के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। अंकित ने ही उसे परीक्षा केंद्र पर छोड़ा था।
दोनों का चेहरा आपस में मिलता-जुलता
डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह की टीम द्वारा आशियाना से पकड़े गए कमलेश निषाद ने बताया कि उसे गोरखपुर के महेंद्र कुमार ने दो से तीन लाख रुपये देने का लालच दिया। मैंने कुछ दिन पहले दूसरे के स्थान पर सी-टेट परीक्षा भी दी थी। महेंद्र के कहने पर मैं अभ्यर्थी दिनेश कुमार मौर्य के स्थान पर परीक्षा देने आया था। मेरी फोटो को महेंद्र ने दिनेश कुमार मौर्या के आधार कार्ड पर लगा दिया था। वहीं गुडंबा से गिरफ्तार लखनऊ निवासी अखिलेश सिंह के पास से भी फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ है। उसके मित्र जय प्रकाश यादव ने परीक्षा में बैठने को कहा था और फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। परीक्षा में बैठने के लिए दो लाख और सेलेक्शन के बाद तीन लाख रुपये मिलने थे।