Eknath Shinde on Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बीते दिन शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है. एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को चुनौती दी कि वे उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को निशाना बनाने के बजाय सीधा उनसे मुकाबला करें. यह बयान एकनाथ शिंदे ने ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया, जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे के हालिया बयानों का भी उल्लेख किया, जो उन्होंने श्रीकांत शिंदे के खिलाफ दिए थे.
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“बेटे को नहीं, मुझसे मुकाबला करो”
बताते चले कि जनसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री शिंदे (Eknath Shinde) ने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा, “आप मेरे बेटे की आलोचना क्यों कर रहे हैं? अगर हिम्मत है, तो सीधे मुझसे मुकाबला करें.” दरअसल, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कल्याण लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे के खिलाफ बयान दिए थे. एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के विकास से घबरा गए हैं और इसी वजह से इस तरह के बयान दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिंदे (Eknath Shinde) ने जोर देकर कहा कि वे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के आरोपों का जवाब अपने काम से देंगे. उन्होंने कहा, “आपने ढाई साल एमवीए सरकार चलाई, और हमने डेढ़ साल में जो किया, उसका हिसाब करें. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. जब महायुति सरकार बनी, तब से हमने जनता के हित में काम करना शुरू किया और यही वजह है कि हमारी सरकार लोगों के बीच प्रिय हो गई है.”
उद्धव ठाकरे की खुली चुनौती
वहीं, दूसरी ओर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने भी बीते रविवार अपने बयान में शिंदे गुट को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि अगले डेढ़ महीने में होने वाले चुनावों में शिंदे गुट हार जाएगा और उनके नेता बेरोजगार हो जाएंगे. उद्धव ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी में किसी भी ‘गद्दार’ को आने का मौका नहीं मिलेगा. यह बयान सीधे तौर पर शिंदे गुट की ओर इशारा करता है, जिन्होंने 2022 में शिवसेना से बगावत की थी.
शिवसेना के बंटवारे के बाद का तनाव
आपको बता दे कि यह राजनीतिक तनाव तब से जारी है जब 2022 में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शिवसेना में बगावत की थी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ देकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. इस बगावत के बाद चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का असली नाम और चुनाव चिन्ह दे दिया था, जिससे ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा. तब से ही दोनों गुटों के बीच राजनीतिक खींचतान जारी है और सियासी बयानबाजी से तनाव और बढ़ता जा रहा है.
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच इस तरह की बयानबाजी आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक माहौल को और गर्म कर रही है. शिवसेना के दोनों गुटों के बीच यह संघर्ष न केवल पार्टी की आंतरिक राजनीति का हिस्सा है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है.
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