Electoral Bonds: सुप्रीमकोर्ट की सख्ती के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को 2 पार्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी है.वेबसाइट पर अपलोड की गई लिस्ट के पहले पार्ट में कुल 337 पेज हैं जिनमें चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों के नाम,खरीदने की तारीख और राशि की जानकारी दी गई है.जबकि दूसरे पार्ट में राजनीतिक दलों के नाम,तारीख और राशि की डिटेल दी गई है जिसमें कुल 426 पेज हैं।
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लिस्ट में कई बड़ी कंपनियों के नाम शामिल

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की जो लिस्ट जारी की है उसमें कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम हैं.इन कंपनियों ने अलग-अलग राजनीतिक दलों के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं जिनमें फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने कुल 1368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं.
ये कंपनी टॉप पर है इसके बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है जिसने 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं.क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये,वेदांता लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपये,हलदिया एनर्जी लिमिटेड ने 377 करोड़ रुपये,भारती ग्रुप ने 247 करोड़ रुपये,एसेल माइनिंग एंड इंडस्ट्री लिमिटेड ने 224 करोड़ रुपये,वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 220 करोड़ रुपये,केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड ने 195 करोड़ रुपये,मेदनलाल लिमिटेड ने 185 करोड़ रुपये और भारतीय एयरटेल लिमिटेड ने 183 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड कई राजनीतिक दलों के लिए खरीदे हैं इसकी जानकारी चुनाव आयोग ने सार्वजनिक तौर पर साझा की है।
चंदा लेने में कांग्रेस से आगे निकली TMC
चुनाव के लिए चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों की बात करें तो इसमें भारतीय जनता पार्टी नंबर वन पर है.भाजपा को चंदे के तौर पर सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले हैं.चंदा प्राप्त करने वाली पार्टियों में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है जिसने कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है.टीएमसी को कांग्रेस से ज्यादा चंदा मिला है,जहां कांग्रेस को चंदे के जरिए 1,422 करोड़ रुपये मिले हैं वहीं टीएमसी को 1,609 करोड़ रुपये चंदे से मिले हैं.इस लिस्ट में चौथे नंबर पर भारत राष्ट्र समिति पार्टी है जिसे 1,214 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के तौर पर मिले हैं.पांचवे नंबर पर बीजू जनता दल है जिसको 775 करोड़ रुपये चंदे के जरिए मिले हैं।
SC ने 15 मार्च तक रिपोर्ट सार्वजनिक करने की कही थी बात

आपको बता दें कि,सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 15 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड की योजना को अंसवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था.साल 2017 में केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की घोषणा की थी जिसे 29 जनवरी 2018 से कानूनी रुप से लागू किया गया था.राजनीतिक दलों के लिए एसबीआई की 29 ब्रांचों से अलग-अलग रकम के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाते हैं.ये रकम एक हजार से लेकर 1 करोड़ तक भी हो सकती है जिसे खरीदकर कोई भी व्यक्ति या कंपनी अपनी पसंदीदा राजनीतिक दल को दे सकता है।
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