Digital India: ग्रामीण भारत में डिजिटल सशक्तिकरण को मजबूत करने और हर नागरिक तक डिजिटल सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) ने एक विशेष पहल की है। इसके तहत, पीलीभीत और गोरखपुर से डिजिटल इंडिया सामान्य सेवा केंद्र (डीआईसीएससी) परियोजना की शुरुआत की गई है। इस परियोजना के तहत देश के 10 जिलों की ग्राम पंचायतों में लगभग 4,740 डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं को नया आयाम देंगे।
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पीलीभीत और गोरखपुर को मिली विशेष प्राथमिकता
डीआईसीएससी परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और गोरखपुर में सबसे अधिक सेवा केंद्र खोले जा रहे हैं। पीलीभीत में 720 और गोरखपुर में 1,273 डीआईसीएससी केंद्रों की स्थापना होगी। इसके अलावा महाराष्ट्र में औरंगाबाद, हिमाचल प्रदेश के चंबा, तेलंगाना के खम्मम, गुजरात के गांधीनगर, मिजोरम के ममित, राजस्थान के जोधपुर, लद्दाख के लेह और पुदुचेरी में भी बड़ी संख्या में केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस योजना के संचालन और तकनीकी निगरानी का जिम्मा सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के पास होगा, जो इसके प्रभावी क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएगी।
31.6 करोड़ का बजट, ग्रामीण विकास को मिलेगी नई दिशा
इस परियोजना के लिए 31.6088 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। प्रारंभिक तौर पर इस योजना की समय सीमा छह महीने रखी गई है, जिसे नौ महीने तक बढ़ाया जा सकता है। डीआईसीएससी परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण नागरिकों को वित्तीय और वाणिज्यिक सेवाएं, आधार पंजीकरण, बैंकिंग, टेली-लॉ, टेलीमेडिसिन, शिक्षा और ई-कॉमर्स जैसी सेवाएं प्रदान करने का एकीकृत प्लेटफॉर्म तैयार करना है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच और विकास में तेजी आएगी।
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हाई-स्पीड इंटरनेट से ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा
हर डिजिटल सेवा केंद्र को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, ताकि यह सेवा केंद्र विभिन्न डिजिटल सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम हो सकें। इसके माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी और ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को नए सिरे से सशक्त किया जा सकेगा। साथ ही, परियोजना के केंद्रीकृत तकनीकी निगरानी प्रणाली के तहत पारदर्शी सेवा वितरण को सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे स्थानीय विकास को गति मिलेगी।
जीपीएस-सक्षम मोबाइल वैन से दूरदराज क्षेत्रों तक सेवाएं
गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं को पहुँचाने के लिए जीपीएस-प्रौद्योगिकी आधारित मोबाइल वैन की सुविधा भी परियोजना का हिस्सा है। इन वैन के माध्यम से डिजिटल सेवाओं को दूरदराज के गांवों तक पहुँचाया जाएगा, जिससे नागरिकों को उनकी ज़रूरत की सेवाएं उनके दरवाजे पर ही मिल सकेंगी। पीलीभीत और गोरखपुर जैसे क्षेत्रों में इस पहल के बाद डिजिटल साक्षरता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
समावेशी विकास की ओर बड़ा कदम
डीआईसीएससी परियोजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय उद्यमियों को डिजिटल सेवाओं की जानकारी और सुविधाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे उनका डिजिटल सशक्तिकरण होगा और वहां की अर्थव्यवस्था में समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के तहत आधुनिक डिजिटल कार्य प्रणाली को अपनाने से पीलीभीत और गोरखपुर के साथ अन्य जिलों में भी डिजिटल अर्थव्यवस्था को व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। इस पहल के माध्यम से सरकार का प्रयास है कि डिजिटल इंडिया का सपना ग्रामीण भारत में भी साकार हो और सभी नागरिकों को डिजिटल सेवाओं की समान सुविधा मिल सके। इस योजना से डिजिटल सेवाओं का विस्तार और ग्रामीण विकास का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।