Digital Addiction: मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से हो रही है जानलेवा बीमारियां! जाने इसके शारीरिक और मानसिक खतरे…मोबाइल फोन का अत्यधिक प्रयोग आजकल एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। दिन-ब-दिन बढ़ते स्मार्टफोन के इस्तेमाल से लोग न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं। हालांकि, इसके बारे में हम सभी जानते हैं, फिर भी लोग इसका इस्तेमाल करने से नहीं रुकते और इसके हानिकारक प्रभावों को नजरअंदाज कर देते हैं।
Read More:iPhone Fold 2025: Apple फोल्डेबल iPhone लॉन्चिंग की तैयारी… क्या इस साल होगी इसकी दस्तक?

गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है मोबाइल फोन
मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग विभिन्न गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव से जुड़ी कुछ प्रमुख समस्याएं हैं – आंखों का सूखापन, धुंधलापन, गर्दन, पीठ और कंधे में दर्द, मानसिक तनाव, और नींद में कमी। देर रात तक मोबाइल का प्रयोग करने से शरीर की स्वाभाविक नींद चक्र प्रभावित होता है, जिसके कारण लोग गहरी नींद से वंचित रहते हैं। इसके अलावा, मोबाइल फोन की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे देखने की क्षमता में कमी आ सकती है।
कानों में ध्वनि प्रदूषण का खतरा
एक और गंभीर समस्या जो मोबाइल फोन के अत्यधिक प्रयोग से उत्पन्न होती है, वह है कानों में ध्वनि प्रदूषण। फोन पर तेज आवाज में गाने सुनने या अन्य ध्वनियों के संपर्क में आने से कानों की सुनने की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है। विशेषज्ञों का कहना है कि 20 Hz से 20 KHz तक की ध्वनियां सामान्य होती हैं, लेकिन इनसे ज्यादा ध्वनि सुनने से कानों में नुकसान हो सकता है, जो कभी-कभी स्थायी बहरापन का कारण बन सकता है।
Read More:Free IPL 2025 Streaming: Jio, Airtel और Vi यूजर्स को अब मिलेगा फ्री एक्सेस, ऐसे देखें आईपीएल 2025

मानसिक और शारीरिक को कर रहा है प्रभावित
साल 2000 में, जब मोबाइल फोन का प्रयोग कम था और टेलीफोन का उपयोग सीमित था, तब लोग मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ रहते थे। उस समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल केवल कॉल करने तक सीमित था, जिससे लोग परिवार के साथ अधिक समय बिता पाते थे। लेकिन जैसे-जैसे तकनीक का विकास हुआ और स्मार्टफोन का प्रयोग बढ़ा, लोगों की जीवनशैली में बदलाव आया। अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल न केवल संवाद के लिए किया जाता है, बल्कि इंटरनेट, गेम्स, सोशल मीडिया, और वीडियो देखने के लिए भी किया जाता है। इसके कारण लोग मानसिक रूप से अधिक तनावग्रस्त हो रहे हैं, साथ ही परिवार और दोस्तों से भी दूर हो रहे हैं।