Prime Chauapal: प्राइम चौपाल के अंतर्गत गांवों की सच्ची तस्वीर और वहां हुए विकास कार्यों का जायजा लेने प्राइम टीवी की टीम लगातार इन दिनों राजधानी लखनऊ से सटे ग्राम पंचायत क्षेत्रों के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग गावों में पहुंच रही है।इसी कड़ी में आज प्राइम टीवी की हमारी टीम राजधानी लखनऊ में मोहनलालगंज के ग्राम पंचायत कुबहरा पहुंची।यहां पहुंचकर प्राइम टीवी के कैमरे ने ऐसी कई तस्वीरों को कैद किया जिनको देखकर आपको भी यहां कितना विकास हुआ इसकी सच्चाई पता लग जाएगी।मोहनलालगंज के कुबहरा ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री मोदी की कल्याणकारी योजनाओं का किस कदर मखौल उड़ाया जा रहा है आप भी इस रिपोर्ट में देखिए।
गांव की सच्चाई,प्राइम टीवी ने बताई

ग्राम पंचायत कुबहरा में सरकारी कार्यों के लिए मिलने वाले सरकारी धन का प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर बंदरबाट किया जा रहा है।सुविधाओं के नाम पर ग्रामीणों को केवल आश्वासन दिया जाता है चलने के लिए आज भी यहां आस-पास के कई इलाकों में खड़ंजे और गड्ढा युक्त सड़कें दिखाई दी जिनके ऊपर चलने को ग्रामीण मजबूर हैं।ग्रामीणों से जब हमने बातचीत की तो ग्राम प्रधान के प्रति उनका गुस्सा सातवें आसमान पर दिखाई दिया।लोगों का कहना है कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन से यहां प्रधान का कोई वास्ता नहीं।घर-घर शौचालय के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई मॉडल शौचालय केवल नाम के मॉडल शौचालय रह गए।शौचालय यहां खुद अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं।
न नाली,न खड़ंजा..समस्याओं का शिकंजा

मोहनलालगंज में ग्राम पंचायत कुबहरा ऐसा पहला गांव नहीं जहां सरकारी योजनाओं का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा बल्कि यहां आसपास के कई ऐसे गांव और भी हैं जहां हमारी टीम ने जब पहुंचकर रियलिटी चेक की तो सच्चाई दावों के बिल्कुल विपरीत दिखाई दी।जगह-जगह कूड़े और गंदगी का ढेर,सड़क के नाम पर टूटी-फूटी गड्ढे युक्त सड़क साथ ही इन सड़कों पर बहता गंदा पानी या सच्चाई है.
राजधानी लखनऊ से सटे अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों की।जहां आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है सुविधाओं के नाम पर ग्रामीणों को केवल आश्वासन मिलता है इसके अलावा और कुछ नहीं।देखने वाली बात है कि,आखिर कब इन गांवों की तस्वीर बदलेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है स्वच्छ भारत मिशन और अगर हमारा गांव विकसित होगा तो देश विकसित होगा उनके इस सपने को पूरा होने में आखिर कितना वक्त लगता है।