Satyendar Jain: दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की जमानत याचिका पर दिल्ली की विशेष अदालत आज अपना फैसला सुनते हुए बड़ी राहत दी है। मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में जेल में बंद सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को फैसला आना था, जिससे यह तय होना तह कि उन्हें जमानत मिलेगी या वह अभी जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है और आज ही जेल से बाहर आयेंगे। सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था और वह तब से न्यायिक हिरासत में थे।
कई बार खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका कई बार खारिज हो चुकी है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए जमानत से इनकार किया था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-अभियुक्तों द्वारा दिए गए बयानों से यह स्पष्ट होता है कि जैन पूरे ऑपरेशन के मुख्य योजनाकार थे। अदालत ने यह भी कहा था कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत मिलने पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।
जमानत पर रिहा होने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जैन
ईडी ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है और अदालत से अनुरोध किया है कि सत्येंद्र जैन को जमानत न दी जाए। ईडी ने कहा कि अगर जैन को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और न्यायिक प्रक्रिया से बच सकते हैं। ईडी का मामला जैन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर अपनी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की थी।
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वकील की दलील: अब और हिरासत में रखने का कोई उद्देश्य नहीं
जैन के वकील ने अदालत में तर्क दिया है कि सत्येंद्र जैन को अब और हिरासत में रखने का कोई उद्देश्य नहीं है। वकील का कहना है कि जांच एजेंसियों द्वारा उनसे जुड़ी जांच पूरी हो चुकी है और उन्हें जेल में रखने से अब कोई फायदा नहीं होगा। वकील ने अदालत से अपील की कि जैन को जमानत दी जाए ताकि वह अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। इसके बावजूद सत्येंद्र जैन अभी भी जेल में बंद थे।
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जमानत पर क्या बोले अदालत के पिछले आदेश
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने जैन को तत्काल आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके जमानत पर रिहा होने से जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है। हालांकि आज के फैसले में उन्हें राहत मिली है।