Pragya Thakur Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में सुनवाई के दौरान बार-बार अनुपस्थित रहने के लिए भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को एक बार फिर फटकार लगाई है. दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर अदालत के द्वारा बार बार दिए जा रहे चेतावनी के बावजूद कोर्ट में पेश नही हुई. इसी के चलते अदालत ने 11 मार्च को उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था. हालांकि, विशेष अदालत ने उनकी पेशी के बाद जारी जमानती वारंट को रद्द कर दिया था. लेकिन बुधवार को भी सुनवाई में प्रज्ञा ठाकुर के न शामिल होने पर एनआईए की विशेष अदालत ने पाया कि उनकी लगातार अनुपस्थिति से मुकदमे में परेशानी आ रही है।

वही, भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने सुनवाई में शामिल नहीं होने के लिए हर बार स्वास्थ्य कारणों का ही हवाला दिया है और अदालत ने अब एनआईए को सोमवार, 8 अप्रैल तक उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दे दिया है. बता दे कि, प्रज्ञा ठाकुर पर मालेगांव बम धमाकों की साजिश में शामिल होने का आरोप है. वही, इस मामले में दाखिल चार्जशीट के अनुसार, वो धमाके की योजना बनाने के लिए हुई बैठकों में शामिल हुई थीं और उन्होंने हमले को अंजाम देने वाले व्यक्ति को खोजने का जिम्मा भी लिया था.
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मालेगांव बम धमाके का है आरोप
बता दें कि, 29 सितंबर 2008 को मालेगांव महाराष्ट्र में एक बड़ा धमाका हुआ था. जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. ये धमाका एक बाइक में बम लगाकर किया गया था. इस धमाके में करीब 100 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे. जिसकी सुनवाई एनआईए कोर्ट में अभी तक चल रही है. चूंकि इस हादसे में मुख्य आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बनाया गया है. इसी वजह से उनको कोर्ट की सुनवाई में पहुंचना जरूरी है. लेकिन वे बार बार स्वास्थ खराब होने का हवाला देकर कोर्ट में पेश नहीं हो रही है.

कोर्ट ने दी 1 दिन की मोहलत

साल 2008 में मालेगांव बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई में बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर उपस्थित नही हुई. प्रज्ञा ठाकुर ने कोर्ट में न उपस्थित होने का कारण अपने खराब स्वास्थ्य को बताया. इस पर अदालत ने उन्हें 1 दिन की मोहलत तो दे दी लेकिन एक बड़ा फैसला भी लिया. कोर्ट ने एनआईए को ऑर्डर दिया कि उनकी एक टीम सांसद के घर जाए और उनकी सेहत के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर 8 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश कर।
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