Uttar Pradesh: राहुल गांधी के पांच न्याय (युवा न्याय, भागीदारी न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, और श्रमिक न्याय) को हासिल करके ही हम भारत को स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र बना पायेंगे.ये बातें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कही। अजय राय ने कहा कि,मोदी सरकार यात्रा को मिल रहे अपार जनसमर्थन से इतना बौखला गई है कि यात्रा पर हमले कराना, बैनर, पोस्टर फड़वाना, राहुल गांधी के खिलाफ फर्जी एफआईआर कराना, इस स्तर पर उतर आई है।
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अजय राय ने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 अलीमुल्लाह खान ने बताया कि,अजय राय ने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा है कि,सहो मत, डरो मत के नारे के साथ ‘‘हर घर तक पहुंचे न्याय का हक’’ के उद्देश्य के साथ 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’ 14 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाली है।अजय राय ने ये भी बताया कि,यात्रा के समर्थन में प्रदेश के सभी ब्लाकों में ध्वजवंदन और ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’26 जनवरी से 30 जनवरी 2024 तक निकाली जायेगी। जिसके अर्न्तगत प्रत्येक ब्लाक मुख्यालय पर ध्वजवन्दन होगा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा को प्रतिबिम्बित करती हुई एक झांकी भी निकाली जाएगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि,यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले शहीद स्थलों एवं महापुरूषों के स्थलों पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. साथ ही अगर मार्ग में किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार का घर पड़ता है, तो वहां जाकर परिवारजनों से मिलकर उनको सम्मान दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त यदि यात्रा मार्ग में किसी वरिष्ठ कांग्रेस जन के परिवार का घर मिलता है, तो उन्हें इसकी सूचना देते हुए उनके घर जाकर उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा
प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि,पीएम मोदी आज बुलंदशहर मे अपनी रैली कर रहे हैं मगर दुर्भाग्य देखिए कि यूपी के उज्जवल भविष्य के लिए इनके पास कोई योजना नहीं है। एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर हम किसानों से, युवाओं से, महिलाओं से, रोजगार से जुड़े सवाल उठायेंगे। आज हम किसानों से जुड़े पांच सवाल मोदी और योगी से करेंगे।
किसानों की आमदनी नहीं हुई दोगुना-दर्द क्यों दिया सौ गुना?
प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2016 को यूपी में बरेली की रैली में घोषणा की है कि,किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी कर देंगे। मगर हाल ही में आई एनएसएसओ की रिपोर्ट ने बताया कि,किसानों की खेती से औसत आमदनी 27 रुपये प्रतिदिन और औसत कर्ज 74 हजार रुपये प्रति किसान हो गया है।2014 से 2022 तक 100474 किसानों ने आत्महत्या की।
खेती के बजट पर क्यों चलाई कैंची?
मोदी सरकार ने साल 2020-21 में देश में कृषि विभाग का बजट कुल केंद्रीय बजट का 4.41 प्रतिशत था। 2023-24 के बजट में कृषि का बजट कुल देश के बजट का मात्र 2.57 प्रतिशत रह गया है।पिछले 5 साल में मोदी सरकार ने कृषि विभाग के बजट से 105544 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किया। प्रतिवर्ष कृषि विभाग की सरेंडर्ड बजट राशि का आँकड़ा देखें तो इस प्रकार है।
- 2018-19 – 21043.75 करोड़ रुपये.
- 2019-20 – 34,518 करोड़ रुपये
- 2020-21 – 23,825 करोड़ रुपये
- 2021-22 – 5152.6 करोड़ रुपये
- 2022-23 – 21005.13 करोड़ रुपये
- कुल – 105544 करोड़ रुपये
वर्ष 2023-24 में यूपी सरकार ने भी मोदी सरकार की तर्ज पर कृषि विकास विभाग में 8104 करोड़ रुपये का प्रावधान तो किया, मगर उसमें से मात्र 3673 करोड़ रुपये 01 जनवरी 2024 तक खर्च किया। अर्थात मात्र 45.32 प्रतिशत।
इसी प्रकार यूपी के ग्रामीण विकास विभाग ने वर्ष 2023-24 के लिए 29190.91 करोड़ का बजट प्रावधान किया था। जिसमें से मात्र 14771.78 करोड़ रू. जनवरी 2024 तक खर्च किया गया।
किसान सम्मान निधि’ में से 2 करोड़ 29 लाख किसानों का नाम क्यों हटा दिया गया:
एक तरफ तो मोदी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में खेती की लागत 25,000 रू. प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी, तो दूसरी ओर 6000 रू. प्रति किसान प्रतिवर्ष देने का स्वांग रचा। पर अब किसान सम्मान निधि में से भी 2 करोड़ 15 लाख से अधिक किसानों के नाम ही काट डाले।
08 अगस्त 2023 को भाजपा सरकार ने जो आँकड़े पेश किए उसमें बताया कि 2023-24 में 22907445 किसानों की किसान सम्मान निधि से वंचित कर दिया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा सबसे अधिक है 5902333 किसान।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को निजी कंपनी मुनाफा योजना क्यों बना दिया:-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फरवरी 2016 से 2021-22 तक निजी कंपनियों ने कुल 39687.59 करोड़ रू. मुनाफा कमाया है। वहीं उत्तर प्रदेश में इसी अवधि के दौरान 4458.45 करोड़ रू. निजी बीमा कंपनियों ने कमाया।
इसी वजह से प्रधानमंत्री के अपने प्रांत गुजरात, बिहार, झारखंड, तेलंगाना सहित कई प्रांतों ने इस योजना पर ताला लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ कुठाराघात क्यों?:-
देश भर के गन्ना किसानों का 8677 करोड़ रुपये बकाया है। जबकि कानूनी रुप से किसानों को 14 दिन के अंदर ये भुगतान कर दिया जाना चाहिए। जो दिया नहीं गया।वहीं उत्तर प्रदेश का ये आंकड़ा 5824 करोड़ है।
दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भाजपा सरकार ने एक तरफ खेती की लागत बढ़ाकर किसानों की आमदनी खत्म कर दी है। वहीं यूपी की भाजपा सरकार ने 2023-24 में गन्ने के लिए राज्य परामर्श मूल्य में मात्र 20 रू. की वृद्धि की है। जिससे गन्ना का भाव 370 रू. प्रति क्विंटल होगा। जबकि किसान 450 रुपये प्रति क्विंटल की मांग कर रहे थे।
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