वैसे तो हड्डियों की समस्या ऐसी हैं। जिससे शरीर में काफी दिक्क्त होती हैं। मगर बात करें Chordoma की तो यह एक प्रकार का कैंसर है जो रीढ़ की हड्डी और स्कल की हड्डी में विकसित होता है। यह एक दुर्लभ बीमारी जो बहुत कम लोगों को होती है मगर यह किसी भी उम्र में हो सकती है। यहां तक बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं। बता दे, यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होती है। एनसीबीआई के मुताबिक यह पीठ, गले या रीढ़ कहीं भी हो सकता है मगर अधिकतर यह रीढ़ या स्कल के निचले हिस्से में होता है। यहां से यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे फेफड़े, लिवर, स्किन आदि में भी पहुंच जाता है। यह बीमारी धीरे धीरे फैलती है।
Read More:क्या आप भी कर रहे हैं Night Shift, तो बढ़ सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम, रहें सावधान!
ब्रेन की नसों में पड़ता हैं दबाव
वैसे तो Chordoma की समस्या में रीढ़ और ब्रेन की नसों पर दबाव पड़ता है। इसमें दर्द, सुन्न हो जाना या कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके लक्षण क्या हैं?
देखने में समस्या
सिर दर्द
गर्दन में दर्द
निगलने में कठिनाई
असामान्य रूप से आंखों का हिलना
आवाज या बोलने के तरीके में बदलाव
चेहरे के भाव दिखाने में असक्षम
विशेषज्ञ के मुताबिक यह समस्या जीन में गड़बड़ी से जुड़ी होती है। कुछ परिवारों में टीवीएक्सटी जीन की अतिरिक्त कॉपी बनने लगती है जिसे डुप्लीकेट जीन कहा जाता है। इस परिवार के लोगों में कॉर्डोमा होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा जिन परिवारों में इस बीमारी का इतिहास नहीं था उनमें भी टीवीएक्सटी जीन की क्रियाओं में वृद्धि पाई गई है।
Read More:क्या होता है मल्टीपल मायलोमा? जिसके कारण हर साल लाखों लोगो की होती है मौत!
कॉर्डोमा के तीन प्रकार होते हैं
क्लासिक कॉर्डोमा: ये एक आम प्रकार का कॉर्डोमा है। यह एक अनोखे प्रकार की कोशिका से बनता है जो बुलबुले जैसे दिखते हैं।
खराब रूप से विभेदित कॉर्डोमा: कॉर्डोमा का ये प्रकार बहुत ही दुर्लभ है यह सबसे ज्यादा बच्चों और युवा वयस्कों को प्रभावित करता है।
डिफरेंशिएटेड कॉर्डोमा: यह कोडरमा असामान्य कोशिकाओं के मिश्रण के रूप में दिखाई देता है। यह अधिक आक्रामक और तेजी से बढ़ने वाला मेटास्टेसाइज होने की अधिक संभावना वाला होता है।