Gujarat Chandipura Virus: मानसून की वजह से लोगों को गर्मी से तो राहत मिल गयी है लेकिन बीमारियों और इन्फेक्शन का खतरा काफी बढ़ गया है। इस बीच गुजरात और राजस्थान में एक जानलेवा वायरस तेजी से फैल रहा है। इसका नाम है चांदीपुरा वायरस है। यह वायरस गुजरात में पिछले 5 दिन में 6 बच्चों की मौत का कारण बताया जा रहा है। इस दौरान गुजरात के हेल्थ मिनिस्टर ऋषिकेश पटेल ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि इस वायरस के कारण गुजरात में कई बच्चों की मौत हो चुकी है।
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जांच के लिए भेजे गए सैंपल
ऋषिकेश पटेल ने आगे कहा कि इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा जिले से, तीन अरावली से और एक-एक महिसागर और खेड़ा से हैं। दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से हैं, जिनका इलाज गुजरात में हुआ। राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण छह लोगों की मौत होने की बात सामने आयी है, लेकिन सैंपल की जांच के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या नहीं।
क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा बीमारी एक वायरस है जो फ्लू से लेकर दिमागी बुखार तक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण है। इसका नाम चांदीपुरा इसलिए पड़ा,क्योंकि 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में पहली बार इस वायरस के मामले सामने आए थे। ये वायरस रबडोविरिडे फैमिली का एक आरएनए वायरस है। जो कीट पतंगों, मच्छर और मक्खियों से फैलता है।
बच्चों को है खतरा?
वहीं डॉक्टर का कहना है कि चांदीपुरा वायरस ज्यादातर बच्चों को संक्रमित करता है जिसमें 9 महीने से लेकर 14 साल के बच्चे शामिल हो सकते हैं। ये वायरस जब बच्चों पर अटैक करता है तो संक्रमित बच्चे में बुखार, डायरिया, उल्टी, दिमागी बुखार जिसे इंसेफेलाइटिस कहते हैं और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस वायरस के खिलाफ कोई वैक्सीन न होने के कारण इसे और भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
चांदीपुरा वायरस के मुख्य लक्षणों की बात करें तो बुखार, उल्टी, दस्त और सिरदर्द इनमें आम हैं। अगर ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। लापरवाही के कारण जान जा सकती है। साबरकांठा में चंडीपुरा वायरस के संदिग्ध संक्रमण से चार बच्चों की मौत हो गई है।
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इस वायरस से बचाव
चांदीपुरा वायरस के कई लक्षण फ्लू से मिलते जुलते हैं। ऐसे में अपने आसपास अधिक से अधिक साफ-सफाई रखकर इसे लड़ा जा सकता है। इससे प्रभावित होने पर बुखार के बाद बच्चे के दिमाग में सूजन आ जाती है। ऐसे में बिल्कुल भी देरी न करें और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खाएं, परेशानी बढ़ सकती है।