Lucknow News: सिंचाई विभाग के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) सोमवार से कुकरैल नदी की ग्रीन बेल्ट पर बनी कालोनियों का घर-घर सर्वे करेगा। इस सर्वे के लिए एलडीए नगर निगम के जारी गृहकर निर्धारण की रिपोर्ट के आधार पर कारण बताओ नोटिस भवन स्वामियों को जारी करेगा। इस बीच, कुकरैल नदी के ग्रीन बेल्ट के सीमांकन के विरोध में पंतनगर में लोगों ने अपने घरों के बाहर रजिस्ट्री की फोटोकापी चस्पा कर दी है। ग्रीन बेल्ट की जमीन पर प्लाटिंग और निर्माण को रोकने के लिए तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अकबरनगर मामले की सुनवाई करते हुए अपने अंतिम आदेश में कुकरैल नदी के उदगम स्थल से गोमती नदी तक इसके प्रवाह क्षेत्र में हुए सभी अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए गए हैं। इन आदेशों के तहत भीखमपुर, अकबरनगर प्रथम और द्वितीय को ध्वस्त करने के बाद अब कुकरैल रिवर फ्रंट को विकसित करने के लिए रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी और अबरारनगर का सर्वे शुरू हो गया है।
सिंचाई विभाग की लाल निशान कार्रवाई

जल प्रवाह क्षेत्र के 50 मीटर के दायरे में आने वाले मकानों और अपार्टमेंटों पर सिंचाई विभाग ने लाल निशान लगा दिए हैं। करीब दो हजार निर्माण इस कार्रवाई की जद में आ गए हैं। एलडीए (LDA) इन निर्माणों के खिलाफ ग्रीन बेल्ट पर हुए निर्माण को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। जवाब लेने के बाद एलडीए ध्वस्तीकरण आदेश पारित करेगा।
मलबा हटाने में हुई दुर्घटना
अकबरनगर (Akbarnagar) में मलबा हटाते समय एक डंपर पलट गया। हालांकि, इस हादसे में किसी को नुकसान नहीं हुआ। मौके पर जेसीबी की मदद से डंपर को उठाया गया। इससे पहले एक जेसीबी भी पलट गई थी, जिससे कार्य में बाधा उत्पन्न हुई थी। इस पूरे घटनाक्रम से राजनीतिक संग्राम छिड़ने की आशंका है। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को जनता के अधिकारों का हनन बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, सत्तारूढ़ दल इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन बताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

कुकरैल नदी (Kukrail River) की ग्रीन बेल्ट पर हुए अवैध निर्माण के लिए तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया। अब जनता और राजनीतिक दल दोनों ही इन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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जनता की चिंता
वहीं, इस कार्रवाई से प्रभावित होने वाले लोगों में चिंता की लहर है। कई परिवारों को अपने घर उजड़ने का डर सता रहा है। वे अपने घर बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। रजिस्ट्री की फोटोकापी चस्पा करना भी इसी चिंता का एक हिस्सा है। लोगों को उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और न्याय मिलेगा। इस पूरे मामले में आगे क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी। एलडीए की यह कार्रवाई और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन जनता के लिए किस तरह से असरकारक साबित होता है, यह समय ही बताएगा।