दो महीने पहले ही इस ऑनलाइन ठगी का खुलासा हुआ। हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर लोगों से 2 हजार 500 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। वही जब जांच आगे बढ़ी तो इसका नेटवर्क चार राज्यों में फैले होने का पता चला।
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर भोले-भाले लोगों से बड़ी ठगी की गई। अपराध के रूप में पहली बार क्रिप्टोकरेंसी से 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी सामने आई है। बता दे कि एक लाख लोगों को डबल पैसे के चक्कर में ठगा गया। मार्च में आठ लोगों की शिकायत पर एसआईटी का गठन किया गया। इसके लिए बड़े स्तर पर 40 एजेंट तैयार किए। वही बता दे कि अब तक ढाई लाख लोगों को चूना लग चुका है।
दुबई में सीखी करोड़पति बनने की चालबाजी दुबई में सीखी…
एसआईटी ने खुलासा किया है कि सुखदेव, हेमराज, अभिषेक और सुभाष ने झांसा देकर करोड़पति बनने का प्रशिक्षण दुबई में लिया। मंडी में अपने स्तर पर सॉफ्टवेयर तैयार किया। तीन से चार प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया और सिक्कों की बढ़ी हुई कीमतें दिखाने के लिए नकली वेबसाइटें बनाईं गईं।
मुख्य आरोपी को जल्द पकड़ा जाएगा…
क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में सरगनाओं ने प्रदेश के लोगों को धोखा दिया है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस क्रिप्टो करेंसी सरगनाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई कर प्रदेश के लोगों को न्याय दिलाएगी। उप-मुख्यमंत्री ने क्रिप्टो नेटवर्क को तोड़ने और मंडी से आरोपी हेमराज और सुखदेव, ऊना से अरुण गुलेरिया और अभिषेक सहित कई गिरफ्तारियां की हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के सरकाघाट का एक अन्य आरोपी सुभाष शर्मा भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा।
2018 में शुरू हुआ खेल, 2023 में पहली एफआईआर…
हिमाचल में ठगी का यह खेल वर्ष 2018 में शुरू हुआ। इसका खुलासा तब हुआ, जब जिला कांगड़ा के पालमपुर थाने में 24 सितंबर 2023 को पहली एफआईआर दर्ज हुई। अब तक 300 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। यह मुद्दा राज्य विधानसभा में भी उठा। सरकार ने एसआईटी बनाई। जांच में जिला मंडी निवासी तीन और ऊना एक व्यक्ति मास्टरमाइंड निकले।
हालांकि, 2022 में घोटाला उजागर होने के बाद, सैकड़ों पीड़ित सामने आए और आरोपियों की कार्यप्रणाली को उजागर किया। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में अब तक 300 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं।