Chakshu Portal: देश में साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे है. आए दिन हर दूसरा व्यक्ति इसका शिकार हो रहा है,फिर वो आम आदमी हो या फिर कोई बड़ी हस्ती. इन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने भी बड़े कदम उठाने शुरु कर दिए है. केंद्र सरकार ने साइबर अपराध और स्पैम कॉल पर लगाम लगाने के लिए दो नए प्लेटफार्म की शुरुआत की है. जिसको बीते दिन दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल के हिस्से रूप में डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और चक्षु प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया है.
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किस तरह काम करेगा ये पोर्टल?
अब आप सोच रहे होंगे कि चक्षु प्लेटफॉर्म क्या है, तो आपको बता दे कि इसके जरिए स्पैम मैसेज या कॉल्स, नंबर और फिशिंग पर रोक लगाने की कोशिश की जाएगी. वहीं दूसरे डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म के जरिए सरकार बैंकों में होने वाले साइबर अपराध, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर होने वाले साइबर क्राइम पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है. दोनों प्लेटफॉर्म को लॉन्च करते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इन पोर्टल के जरिए धोखाधड़ी पर रोक लगाने के साथ दोषियों को पकड़ने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्लेटफॉर्म की मदद से पहले ही 1,008 करोड़ रुपये की फ्रॉड पर रोक लगाने में सफलता मिली है.
साइबर अपराधों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी
चक्षु और डीआईपी प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाले साइबर अपराधों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई व्यक्ति साइबर अपराध के मंशा से किसी यूजर को कॉल, मैसेज करता है तो उसकी शिकायत चक्षु पोर्टल पर तुरंत की जा सकती है. वहीं वॉलेट, सोशल मीडिया या बैंक खाते में होने वाले साइबर अपराध को डीआईपी पर साझा किया जा सकता है. डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म से सरकार साइबर क्रिमिनल डाटा को साझा करने की प्रक्रिया को अधिक तेज बनाने की कोशिश कर रही है.
पोर्टल लॉन्च के दौरान क्या बोले अश्विनी वैष्णव?
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दोनों पोर्टल के लॉन्च के मौके पर कहा कि चक्षु और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म पिछले साल जारी हुए संचार साथी पोर्टल का हिस्सा है. उन्होंने दावा किया कि इस पोर्टल के जरिए दोनों साइबर अपराध का पता लगाने की गति में इजाफा होगा. इसके साथ ही इन दोनों पोर्टल के जरिए अंतरराष्ट्रीय कॉलों के जरिए होने वाले साइबर अपराध पर भी रोक लगाने में मदद मिली है.
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