K. Kavitha: दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े ईडी और सीबीआई के मामलों में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता (K. Kavitha) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. आज कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें के. कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी है.
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जमानत शर्तों के अनुसार:
- के. कविता (K. Kavitha) को सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करनी होगी.
- गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया गया है.
- दोनों मामलों में उन्हें 10-10 लाख रुपये के जमानत बांड भरने होंगे.
- उन्हें अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा.
हाईकोर्ट के फैसले को पलटने का आधार
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उस समय आया जब पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने के. कविता (K. Kavitha) की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने यह तर्क दिया था कि के. कविता प्रथम दृष्टया मुख्य आरोपी के रूप में सामने आई हैं और इस मामले की जांच अभी महत्वपूर्ण चरण में है, इसलिए जमानत देना उचित नहीं होगा. साथ ही, अदालत ने महिला होने के आधार पर भी जमानत देने से इंकार कर दिया था, यह कहते हुए कि के. कविता एक शिक्षित व्यक्ति और पूर्व सांसद हैं, इसलिए उन्हें कमजोर नहीं माना जा सकता.
के. कविता की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस साल 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से के. कविता (K. Kavitha) को गिरफ्तार किया था. इसके करीब एक महीने बाद सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थीं. इससे पहले, जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
मनीष सिसोदिया को भी मिली थी जमानत
दिलचस्प बात यह है कि इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. सिसोदिया को सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें 9 मार्च को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया था. लगभग 17 महीने न्यायिक हिरासत में रहने के बाद 9 अगस्त को सिसोदिया को जमानत दी गई थी.
के. कविता को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला के. कविता (K. Kavitha) के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जो दिल्ली शराब नीति घोटाले में पिछले कई महीनों से जेल में थीं. हालांकि, यह जमानत कुछ शर्तों के साथ आई है, जिन्हें के. कविता को पालन करना होगा। यह मामला अब भी चल रहा है और आने वाले समय में इसकी जांच और कानूनी प्रक्रियाओं में और भी महत्वपूर्ण मोड़ आ सकते हैं. इस फैसले ने एक बार फिर इस मामले को सुर्खियों में ला दिया है और इसके आगे की कानूनी लड़ाई पर सबकी नजरें रहेंगी.