Biju Janata Dal Meeting: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला लिया है। बीजेडी ने खुद को एक मजबूत और जीवंत विपक्ष के रूप में प्रस्तुत किया है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब केंद्र सरकार के किसी भी मुद्दे पर समर्थन नहीं करेगी और ओडिशा के हितों के लिए संसद में अपनी आवाज बुलंद करेगी।
यह कदम ऐसे समय पर आया है जब कुछ महीने पहले ही बीजेडी और बीजेपी के बीच गठबंधन की बातचीत टूट गई थी। पिछले 10 सालों में कई मुद्दों पर दोनों दलों के बीच सहयोग रहा है, और राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत न होने पर बीजेडी ने कई महत्वपूर्ण बिल पास कराने में मदद की थी। लेकिन मार्च में चुनाव से ठीक पहले गठबंधन की बातचीत टूटने के बाद बीजेडी ने अपना रुख बदल लिया है।
Read more :भूख हड़ताल पर बैठीं Atishi की बिगड़ी तबीयत ,अस्पताल में हुई भर्ती
ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों की आवाज बनेंगे
सोमवार को भुवनेश्वर में अपनी पार्टी के नौ राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक के बाद नवीन पटनायक ने कहा कि हम केंद्र को सभी मुद्दों पर जवाबदेह बनाएंगे। बीजेडी सांसद राज्य के विकास और ओडिशा के लोगों के कल्याण से जुड़े सभी मुद्दों को उठाएंगे। हमारी कई जायज मांगें पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि बीजेडी सांसद संसद में ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों की आवाज बनेंगे।
Read more :1975 में इंदिरा गांधी को इमरजेंसी लगानी पड़ी, जानें क्या थी असली वजह?
अब बीजेपी की मदद नहीं करेगी बीजेडी
बीजू जनता दल (बीजेडी) का हालिया आक्रामक रुख भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। बीते एक दशक में, बीजेडी और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), ने कई अहम मौकों पर बीजेपी का समर्थन किया है। 2009 और 2014 में राज्यसभा चुनाव में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को जिताने में बीजेडी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली सेवा बिल पारित कराने, मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विफल करने, और तीन तलाक व जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक जैसे कानूनों को पारित कराने में भी बीजेडी ने बीजेपी की मदद की थी। ऐसे में बीजेडी का यह नया आक्रामक रुख बीजेपी के लिए एक चिंताजनक संकेत हो सकता है, क्योंकि इससे भविष्य में गठबंधन के समीकरण बदल सकते हैं और बीजेपी को नए राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
Read more :टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में बनाई जगह,ऑस्ट्रेलिया को चटाया धूल
इन मुद्दों को उठाएगी बीजेडी
बीजेडी का कहना है कि कि पार्टी ओडिशा को ‘विशेष श्रेणी’ का दर्जा देने, गरीबों के लिए आवास और शिक्षा, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थानों की स्थापना और राष्ट्रीय राजमार्गों में सुधार जैसी ‘जायज मांगों’ को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी। पार्टी ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसे विवादास्पद मुद्दे को भी उठाया है, जो 2021-22 के किसान आंदोलन के बाद से विपक्ष और बीजेपी के बीच तकरार का विषय बना हुआ है। बीजेडी ने यह भी कहा है कि वह राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में 162 समुदायों को शामिल करने की मांग करेगी।