Azamgarh News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संविधान मान स्तंभ कार्यक्रम में बुधवार को आजमगढ़ (Azamgarh) के नेहरू हॉल (Nehru Hall) में हंगामा हो गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सपा सांसद धर्मेंद्र यादव थे, लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब सपा के गोपालपुर विधायक नफीस अहमद को बोलने से रोका गया. यह कार्यक्रम सपा द्वारा संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था.
विधायक नफीस अहमद को बोलने से रोका गया

आपको बता दे कि कार्यक्रम के दौरान, जब गोपालपुर विधायक नफीस अहमद (Nafees Ahmed) माइक पर बोलने के लिए खड़े हुए, तो मुबारकपुर विधान सभा क्षेत्र के एक सपा कार्यकर्ता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि वे सांसद धर्मेंद्र यादव को सुनने आए हैं, न कि किसी और को. इस बात से विधायक नफीस अहमद नाराज हो गए और उन्होंने कहा, “मैं मुसलमान हूं… इसलिए मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा है।” उनके इस बयान ने वहां मौजूद लोगों के बीच तनाव पैदा कर दिया.
हंगामे के बाद मारपीट और हस्तक्षेप

विधायक के बयान के बाद, स्थिति और बिगड़ गई और हॉल में मौजूद कुछ लोगों ने विरोध करने वाले सपा कार्यकर्ता को बाहर निकाल दिया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मारपीट की नौबत आ गई. मौके पर सपा विधायक डॉ. संग्राम यादव ने आकर स्थिति को नियंत्रित किया और बीच-बचाव किया. हालांकि, कार्यक्रम के बाद विधायक नफीस अहमद (Nafees Ahmed) ने मीडिया से बातचीत में इस घटना से इनकार किया.
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वीडियो बनाने पर विवाद

इस पूरे घटनाक्रम का एक पत्रकार ने अपने मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश की. जैसे ही सपा कार्यकर्ताओं को इस बारे में पता चला, वे उस पत्रकार पर हमला बोल पड़े. पत्रकार का आरोप है कि उनका कॉलर पकड़कर मोबाइल छीन लिया गया और विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई. इस घटना के बाद, पीड़ित पत्रकार ने शहर कोतवाली में सपा से जुड़े दो पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
समाजवादी पार्टी में अंदरूनी विवादों की झलक
यह घटना समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहे आंतरिक तनाव और विवादों की एक झलक दिखाती है. मुस्लिम विधायक नफीस अहमद (Nafees Ahmed) को बोलने से रोकने के बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया और यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या पार्टी के भीतर सभी सदस्यों को समान अधिकार और सम्मान मिल रहा है या नहीं.
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