Jammu Kashmir Election 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि इस बार विधानसभा चुनाव में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला हिस्सा नहीं लेंगे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह खुद चुनाव लड़ेंगे, और जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, तो उमर अब्दुल्ला उस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
विधानसभा चुनाव की तारीखों पर फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

बताते चले कि विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान पर फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि यह एक “मुबारक दिन” है. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के एक दिन बाद चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा को स्वागत योग्य बताया. चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव कराने की योजना बनाई है: पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर, और तीसरे चरण का 1 अक्टूबर को होगा. नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग सभी पार्टियों को एक समान अवसर प्रदान करेगा. उन्होंने सवाल उठाया कि हाल ही में रातों-रात अफसरों की तबादले क्यों हुए, और इस पर चुनाव आयोग को ध्यान देना चाहिए.
राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग

आपको बता दे कि फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि जल्दी चुनाव होना एक अच्छा संकेत है और इससे यह पता चलेगा कि कौन पार्टी तैयार है और कौन नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी. जम्मू (Jammu Kashmir) के लोगों से पूछने की सलाह देते हुए उन्होंने सवाल किया कि धारा 370 के हटने के बाद उन्हें क्या नुकसान हुआ है. फारूक अब्दुल्ला ने दोहराया कि उनकी पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करती है, जो केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों की अपेक्षा है. यह भारत सरकार का भी वादा है, जिसे पूरा किया जाना चाहिए.
महिलाओं के अधिकारों पर जोर
फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा महिलाओं के हक के लिए लड़ती रही है, और यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन उनकी पार्टी महिलाओं के अधिकारों के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी.
370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव

फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की घोषणा और विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है. उमर अब्दुल्ला के चुनाव में न भाग लेने का निर्णय और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग, नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी रणनीति और भविष्य की योजनाओं को स्पष्ट करता है.
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