Himanta Biswa Sarma: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन, जो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ‘चाचा’ भी हैं, ने झामुमो से अलग होने का फैसला किया है. पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि चंपई सोरेन भाजपा का दामन थाम सकते हैं. हालांकि, चंपई सोरेन ने अभी तक अपने आगे के राजनीतिक सफर को गोपनीय रखा है, जिससे अटकलों का दौर और भी गर्म हो गया है.
असम सीएम हेमंत बिस्वा सरमा की प्रतिक्रिया
इसी बीच, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि वह चंपई सोरेन को भाजपा में शामिल होते देखना चाहते हैं, और इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि हेमंत सोरेन भी भाजपा में शामिल हों. हिमंत सरमा ने कहा, “भाजपा का मतलब देशभक्ति है. हम झारखंड में घुसपैठियों को रोकने के लिए हेमंत सोरेन जी से भी बात करने के लिए तैयार हैं.”
झारखंड की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता जताई
असम के मुख्यमंत्री ने झारखंड की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता जताई और कहा कि झारखंड के सामने सबसे बड़ी समस्या घुसपैठिए हैं. उन्होंने कहा, “हमें झारखंड को बचाना है. हमारे लिए देश पहले है. हमारी पार्टी का एकमात्र उद्देश्य है कि चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा किया जाए और झारखंड को घुसपैठियों से मुक्त किया जाए.”
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दिल्ली में चंपई सोरेन की सक्रियता
चंपई सोरेन वर्तमान में दिल्ली में हैं, जहां वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं. शनिवार को चंपई सोरेन ने कहा था कि वह अगले दो-तीन दिनों में अपना रुख स्पष्ट करेंगे. इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर और भी तेज हो गया है.
संभावित राजनीतिक बदलाव
चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है. झामुमो के वरिष्ठ नेता के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और भाजपा में उनका प्रवेश राज्य के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है. भाजपा की कोशिश होगी कि वह चंपई सोरेन के जरिए झारखंड में अपनी पकड़ मजबूत करे, जबकि झामुमो को अपने महत्वपूर्ण नेता के अलग होने से नुकसान हो सकता है.
हेमंत सोरेन की रणनीति
हेमंत सोरेन पर भाजपा की नजर से यह साफ है कि पार्टी राज्य में अपने विस्तार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. अगर हेमंत सोरेन भी भाजपा में शामिल होते हैं, तो यह राज्य की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है. हालांकि, इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन दोनों ने अपने अगले कदम को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है.
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झारखंड की राजनीति में हलचल तेज
झारखंड की राजनीति में चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की अटकलों ने हलचल मचा दी है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणियों से यह साफ है कि भाजपा झारखंड में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सक्रिय है. अब देखना होगा कि चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन क्या कदम उठाते हैं, जिससे झारखंड की राजनीति में क्या बदलाव आते हैं.
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