लखनऊ संवाददाता : मोहम्मद कलीम
लखनऊ : गोसाईंगंज थाना क्षेत्र में एक अधेड़ दस माह से 15 साल की लड़की से रेप कर रहा था। जिसके चलेत किशोरी छह माह से गभर्वती है। इसकी जानकारी गुरुवार को उसकी बड़ी बहन के घर आने पर हुई। जब किशोरी के हावभाव पर शक होने पर उसने पूछताछ की। परिजनों ने इसके बाद आरोपी के खिलाफ शुक्रवार शाम को थाने पर एफआईआर दर्ज कराई।
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उन्नाव निवासी पीड़िता की बहन ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया है कि उसके गोसाईगंज स्थित मायके में बुजुर्ग मां के साथ दो भाई और एक नाबालिग बहन रहती है। गुरुवार को घर आने पर पता चला कि बहन के साथ करीब दस माह से गांव का गौतम (उम्र करीब 50 साल) रेप करता आ रहा है। आरोपी मां और भाइयों के खेत पर जाने के बाद मौका पाकर लगातार बहन को धमकाकर गलत काम करता है। साथ ही चुप रहने के लिए पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी के साथ सौ रुपये का नोट जबरदस्ती पकड़ा देता था।
आरोपी की तलाश जारी
पीड़िता की बहन का आरोप है कि मायके आने पर बहन ने रो-रोकर आपबीती बताई। उसने बताया कि गौतम ने एक दिन घर पर अकेले पाकर गलत काम किया। उसके बाद से कई बार उसने गंदा काम किया। गर्भवती होने पर गर्भपात के लिए दबाव बना रहा है। कह रहा है कि नहीं कराया तो सबको मार देगा। इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्र के मुताबिक पीड़ित परिवार की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश की जा रही है। मेडिकल रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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फर्म संचालकों पर साढ़े सात लाख की धोखाधड़ी का मुकदमा
लखनऊ: आशियाना कोतवाली में इंवेस्टमेंट फर्म संचालकों के खिलाफ एक व्यक्ति से साढ़े सात लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपियों ने कम्पनी में लगाई गए रुपयों को दोगुना करने का झांसा दिया था।मतीनपुरा निवासी मुकेश गोसाई के मुताबिक वर्ष 2019 में उन्हें आशियाना पावर हाउस चौराहा स्थित स्टोन इंफटेक फर्म के बारे में पता चला, जिसका संचालन सुरेश सिंह, सुनील त्रिपाठी और पंकज सिंह, करते हैं।
कम्पनी में रुपयों को दोगुना करने का दिया गया झांसा
कम्पनी के संचालकों ने मुकेश को बताया कि, एक स्कीम में निवेश करने पर रकम तीन साल में दोगुनी हो जाएगी। मुकेश ने करीब सात लाख 50 हजार का निवेश कर दिया। भरोसा दिलाने के लिए, आरोपियों ने मुकेश को 15 लाख रुपये के पोस्ट डेटेड चेक दिए। जिन्हें वर्ष 2022 में लगा कर भुगतान लेना था। स्कीम पूरी होने पर पीडि़त ने कम्पनी संचालकों से सम्पर्क किया। जिन्होंने कुछ दिन इंतजार करने के लिए कहा। फिर टाल मटाले करने लगे।