Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान ED ने केजरीवाल के खिलाफ सबूत होने का दावा करते हुए केजरीवाल की याचिका का विरोध किया. केजरीवाल ने अपनी याचिका में ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी है.
Read More: ‘कांग्रेस की मति मारी गई है जो भगवान राम का विरोध कर रही’हरदोई में गरजे CM Yogi
बयानों में अरविंद केजरीवाल का नाम पहली बार कब आया?

बताते चले कि, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह जानने की कोशिश कि आखिर बयानों में अरविंद केजरीवाल का नाम पहली बार कब आया? इस पर ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी राजू ने बताया कि अरविंद केजरीवाल का नाम पहली बार बुची बाबू के बयान में आया था.एएसजी राजू ने आगे बताया कि, हम दिखा सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ की मांग की. जांच के शुरुआती चरण में अरविंद केजरीवाल पर ध्यान केंद्रित नहीं था. जांच एजेंसी उस पर ध्यान नहीं दे रही थी.
जांच आगे बढ़ी तो भूमिका स्पष्ट हो गई. अगर हम शुरू में ही केजरीवाल के बारे में पूछना शुरू कर देते तो इसे दुर्भावना कहा जाता. केस को समझने में समय लगता है. हम इसे रातोंरात नहीं डाल सकते. चीजों की पुष्टि होनी चाहिए. इसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि बयानों में अरविंद केजरीवाल का नाम पहली बार कब लिया गया? इसके जवाब में एएसजी राजू ने कहा कि 23.02.2023 को बुची बाबू के बयान में पहली बार आया.
Read More: संभल में मुस्लिम मतदाताओं का पुलिस पर वोट न डालने देने का आरोप,सपा अध्यक्ष ने की एक्शन की मांग
एएसजी राजू ने कोर्ट में पेश की दलीलें
इसके बाद एएसजी राजू ने कोर्ट में दलीले पेश करते हुए कहा कि,किसी को यह मानने की जरूरत नहीं है कि गवाह ने जो कुछ भी आईओ को बताया है, वो सब सही है. वह जांच एजेंसी को गुमराह कर सकता है. इसलिए जांच इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि हम पहले आरोपी तक जाएं, इसमें कई बाधाएं हो सकती हैं. अब कृपया एमएसआर का बयान देखें. इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि उस सब में जाने की जरूरत नहीं है. एकमात्र बात यह है कि क्या यह विश्वास करने के कारणों में दिया गया है. अदालत स्वीकार कर भी सकती है और नहीं भी. धारा 19 के तहत आपका आदेश अपने पैरों पर खड़ा होगा, पूरक तर्क से नहीं.
जस्टिस खन्ना ने राजू से किया सवाल

इसी कड़ी में राजू ने आगे कहा कि गिरफ्तारी के आधार और विश्वास करने के कारण एक जैसे हैं. इसके जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि नहीं मिस्टर राजू, वे अलग हैं. मगुंता रेड्डी को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया? न तो सीबीआई ने और न ही आपने. इस पर राजू ने कहा नही. जस्टिस खन्ना ने आगे कहा कि बुच्ची बाबू को किसने गिरफ्तार किया, तो राजू ने बताया सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा की वो चार आरोपियों के बयान, जो अरविंद के खिलाफ दिए गए थे, उनके नाम और तारीख के साथ हमें दे. इसके बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को ईडी की ओर से पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की ओर से एक नोट दिया गया, जिसमें उन्होंने केजरीवाल की इस दलील का विरोध किया कि जांच एजेंसी ने सरकारी गवाहों के बयानों को दबाया है.
उपराज्यपाल ने NIA जांच की सिफारिश की

दूसरी ओर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की है. उन पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से राजनीतिक फंडिंग लेने का आरोप है. एलजी दफ्तर की ओर से केंद्रीय गृह सचिव को इसे लेकर चिट्ठी भी लिखी है.
इस चिट्ठी में लिखा गया है कि जेल में बंद आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी संगठनों से 16 मिलियन डॉलर (करीब 133 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिली थी. आपको बता दे कि एलजी सक्सेना ने ये सिफारिश ऐसे वक्त की है, जब पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के संकेत दिए थे कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है.
Read More: ‘चुनाव परिणाम आने के बाद इन गुंडों की गर्मी धीरे-धीरे कर शांत होती जाएगी’शाहजहांपुर में बोले CM Yogi