लखनऊ संवाददाता : विभांशु मणि त्रिपाठी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर रोकथाम को लेकर ट्रांसफर नीति लाई जिसके तहत कोई भी कर्मचारी एक पद पर लंबे अरसे तक ना रह सके और जिस से भ्रष्टाचार ना हो सके वही राजधानी लखनऊ में खाद्य रसद विभाग में तैनात क्षेत्रीय अधिकारी डी एन चौरसिया पर गंभीर आरोपों वाली शिकायत प्रमुख सचिव खाद्य रसद विभाग से की गई है शिकायतकर्ता सप्लाई स्पेक्टर युवराज सिंह ने आय से अधिक संपत्ति व विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की है।
READ MORE : सावन माह में करें 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन….
इस वजह से उठे ट्रांसफर पॉलिसी पर सवाल
शिकायती पत्र में लिखा है कि टीएन चौरसिया अपनी कुर्सी का दुरुपयोग करते हैं जिसके कारण पिछले 12 वर्षों से लखनऊ में जमे हैं इतना ही नहीं संगठन में दायित्व के कारण इनका ट्रांसफर नहीं किया जाता है जिसके कारण कहीं ना कहीं ट्रांसफर पॉलिसी पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं इस बार वे ट्रांसफर सेशन में साफ तौर पर कहा गया है कि जो भी अधिकारी संगठन में पदाधिकारी होगा उसको 2 साल अतिरिक्त दिए जाएंगे उसके बावजूद टीएन चौरसिया का ट्रांसफर नहीं किया गया जिसे कहीं ना कहीं ट्रांसफर पॉलिसी का भी उल्लंघन होता है अपनी तैनाती के दौरान ट्रांसफर पॉलिसी के नाम पर धन उगाही के आरोप टीएन चौरसिया पर लगे हैं।
READ MORE : फुटबॉल कोच स्टीमैक ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, उठायी ये मांग….
चौरसिया ने आरोपों से किया इंकार
टीएन चौरसिया सप्लाई स्पेक्टरों की यूनियन में पदाधिकारी हैं यही कारण है कि लंबे अरसे से मैनेजमेंट संभाल कर अपनी कुर्सी संभाले हुए हैं हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिनव राय ने भी पीएम चौरसिया के भ्रष्टाचार अनियमितताओं को लेकर कई जगह शिकायत की है वही इस मामले को लेकर टी एन चौरसिया से जब संवाद स्थापित करने का प्रयास किया गया तो ने साफ तौर पर बातचीत करने से मना किया और अपने ऊपर लगे आरोपों को फर्जी बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री किसी को कहीं रख सकते हैं और अपने मामले को लेकर स्टेटमेंट देने से बचते हुए नजर आए।