Kupwara Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले के माछिल सेक्टर में भारतीय सेना ने घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया है। सेना की इस कार्रवाई में एक घुसपैठिया मारा गया, जबकि एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य जवान घायल हो गया। भारतीय सेना और पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) के बीच फायरिंग हुई, जिसमें भारतीय जवानों ने बहादुरी से जवाब दिया।
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एलओसी पर संघर्ष
भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने जानकारी देते हुए बताया कि नियंत्रण रेखा (LOC) पर माछिल सेक्टर के कामकारी इलाके में एक चौकी पर अज्ञात लोगों ने फायरिंग की। इस संघर्ष में एक पाकिस्तानी नागरिक मारा गया और दो भारतीय सैनिक घायल हो गए। घायलों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और उनका इलाज चल रहा है।
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लगातार बढ़ रही आतंकी गतिविधियां
वर्ष 2008 के बाद एक बार फिर लगातार आतंकी वारदातों ने लोगों में डर और चिंता पैदा कर दी है। पिछले 46 दिनों में सात आतंकी वारदातों में 11 सैन्य जवान बलिदान हो चुके हैं और 10 आम नागरिकों की मौत हो गई है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अब इस समस्या से निपटने के लिए निर्णायक रणनीति अपनाने का समय आ गया है। आतंकी हमले कर जंगलों में छिप जाते हैं, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।
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सुरक्षा बलों की रणनीति
सेना के पूर्व कर्नल सुशील पठानिया ने कहा कि कठिन इलाकों में आतंकवादियों का पीछा करने से हमारे सैनिकों को नुकसान हो रहा है। जिन इलाकों में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना है, वहां ग्रेनेड, मोर्टार और गनशिप हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर आतंकियों को मार गिराया जाना चाहिए। इस रणनीति का पहले भी सफल परिणाम मिल चुका है।
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आतंकियों की नई रणनीति
पूर्व डीजीपी एसपी वेद ने कहा कि पहले आतंकी फिदायीन के रूप में आते थे और हमला कर खुद भी मर जाते थे। लेकिन अब आतंकी हमले कर भागने की योजना बनाते हैं ताकि फिर से हमला कर सकें। यह आतंकियों की नई रणनीति है। वे अब फिदायीन बनकर नहीं आते, बल्कि अपने लिए ठिकाना बनाते हैं और घात लगाकर हमला करते हैं। हमला कर वे जंगल, पहाड़ और युद्ध में लड़ने का प्रशिक्षण लेकर भाग जाते हैं।
ठोस रणनीति की आवश्यकता
पूर्व कर्नल सुशील पठानिया ने कहा कि सुरक्षा बलों को आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते समय सेक्शन और प्लाटून अभ्यास पर ही टिके रहना चाहिए। ठोस रणनीति बनाकर ही इन आतंकियों को समाप्त किया जा सकता है। आतंकियों को खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाना आवश्यक है।
बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि
सेना के बहादुर जवानों का बलिदान देश के लिए गर्व का विषय है। उनके परिजनों को संबल देना और उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। इस संघर्ष में हमारे सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है और देश की सुरक्षा के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है।
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सुरक्षा बलों का संकल्प
भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल किसी भी घुसपैठ या आतंकी गतिविधियों को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। देश की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और आतंकियों को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में भारतीय सेना की इस साहसिक कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि हमारी सुरक्षा बल किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और आतंकियों को हराने का संकल्प हमारे जवानों के दिल में मजबूती से बना हुआ है।
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