NITI Aayog Meeting: शनिवार को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग (NITI Aayog) की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं और केंद्र सरकार की नीतियों को धरातल पर लागू करने पर चर्चा करते हैं।
हालांकि, 2024 की इस बैठक का विपक्षी इंडिया गठबंधन ने बहिष्कार करते हुए इसमें भाग न लेने का ऐलान किया है। विपक्ष के इस फैसले के चलते कई राज्य बैठक में शामिल नहीं होंगे।
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नीति आयोग: क्या है और कैसे काम करता है?

नीति आयोग (NITI Aayog) की स्थापना 1 जनवरी 2015 को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार आने के बाद की गई थी। यह योजना आयोग (1950-2014) की जगह लेकर आया था। नीति आयोग को भारत सरकार का थिंक-टैंक माना जाता है, जो देश के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने और उस पर नजर रखने का काम करता है। यह केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का भी दायित्व निभाता है।
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नीति आयोग का कार्यकाल
नीति आयोग तीन समयावधियों पर काम करता है:
- तीन साल का एक्शन एजेंडा टर्म
- सात साल का मिड टर्म स्ट्रैटजी प्लानिंग
- पंद्रह साल का विजन डॉक्यूमेंट टर्म
नीति आयोग की संरचना

प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं जबकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होते हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष हैं और सुमन बेरी उपाध्यक्ष हैं। इसके परमानेंट सदस्य, जिनका चयन प्रधानमंत्री करते हैं, में वी. के. सारस्वत, रमेश चंद, वी. के. पॉल और अरविंद विरमानी शामिल हैं। इसके पदेन सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। इसके अलावा, इसमें आमंत्रित सदस्य भी होते हैं।
बैठक के एजेंडा पर फोकस

इस बैठक का फोकस 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने पर रहेगा। इसमें राज्यों के योगदान पर चर्चा होगी। बैठक में इन आठ मुद्दों पर खास ध्यान दिया जाएगा:
- जल संसाधन
- विद्युत आपूर्ति
- भूमि उपयोग
- शिक्षा: उपलब्धता और गुणवत्ता
- संपत्ति का डिजिटलीकरण और रजिस्ट्रेशन
- साइबर सुरक्षा
- सरकारी कार्यालयों में एआई का उपयोग
- योजनाओं और रोजगार के अवसरों का सही क्रियान्वयन
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विपक्षी मुख्यमंत्रियों का बहिष्कार
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विशेषकर कांग्रेस शासित राज्यों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। जिन राज्यों ने इस बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है, वे हैं तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, केरल, और हिमाचल प्रदेश। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी इंडिया गठबंधन को चकमा देते हुए बैठक में भाग लिया। इसके अलावा, नॉर्थ ईस्ट के सारे मुख्यमंत्री भी इस बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।
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नीति आयोग का महत्व

नीति आयोग का गठन बदलते समय के साथ-साथ विकास की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया था। यह केंद्र और राज्य सरकारों को सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद के माध्यम से देश के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है। इस बैठक से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच मतभेद जारी हैं, लेकिन नीति आयोग के माध्यम से देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते रहेंगे।
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