केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कार्यों को गिनाते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया जिसको लेकर गृह मंत्री ने कहा,केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आतंकवाद के हमेशा खिलाफ रही है सरकार की नीति आतंकवाद को कभी बर्दाश्त न करने वाली रही है।
गृह मंत्री ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करके संविधान निर्माताओं के एक संविधान एक ध्वज के सपने को पूरा किया है।जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की समाप्ति पर केंद्रीय गृह मंत्री ने सदन में अपने संबोधन में कहा, जम्मू-कश्मीर में अब रात में भी सिनेमाहॉल खुलते हैं वहां लोग शांति से रहते हैं जहां जी 20 की बैठकें हुई और मुहर्रम पर जुलूस भी शांतिपूर्ण तरीके से निकला।
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह का विपक्ष को जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,21 सदस्यों ने यहां अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। एक तरह से गृह मंत्रालय के अनेक कार्यों के परिमाणों को छूने का प्रयास किया गया है। सबसे पहले मैं देश की आजादी के बाद आंतरिक सुरक्षा और सरहदों की सुरक्षा के लिए जिन राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है,उन हजारों जवानों को मन पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा पर दिया जोर
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,हमारे संविधान में कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों पर है।सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है।यह एक सही निर्णय है।इसमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है तो 76 साल बाद अब ऐसी स्थिति है कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, वे अंतरराज्यीय भी हैं और बहुराज्यीय भी हैं -जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला।ये सभी अपराध सिर्फ एक राज्य के भीतर नहीं होते हैं। देश में कई अपराध देश के बाहर से भी भारत में किए जाते हैं। इसलिए इन सबको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी हो जाता है।
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“पहले की सरकारों को वोट बैंक की चिंता सताती थी”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,मैं कश्मीर की बात करूंगा। हम सभी जानते हैं कि,आए दिन पड़ोसी देश से आतंकवादी कश्मीर में घुस आते थे, वे कश्मीर में बम विस्फोट और हत्याएं करते थे। ऐसा कोई त्योहार नहीं होता था जो बिना किसी चिंता के मनाया जाता था।पहले की केंद्र सरकारों का रवैया लचीला था। वे चुप रहते थे और बोलने से डरते थे…उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हमने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जिसके परिणाम स्वरुप आज कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से सभी त्योहार मनाए जा रहे हैं।