Sambhal violence: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद पर सर्वे के दौरान हुई कथित हिंसा पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंसा राज्य के उपचुनाव में हुई धांधली से ध्यान भटकाने के लिए सुनियोजित तरीके से रची गई। अखिलेश यादव ने रविवार को कहा, “संभल में एक गंभीर घटना हुई। चुनाव के बारे में चर्चा को रोकने और धांधली से ध्यान भटकाने के लिए सुबह जानबूझकर सर्वेक्षण टीम भेजी गई। इसका उद्देश्य अराजकता पैदा करना था।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था, तो दूसरा सर्वेक्षण सुबह-सुबह क्यों कराया गया और वह भी बिना किसी तैयारी के?
आगे उन्होंने ट्वीट करके कहा कि “संभल में शांति बनाए रखने की अपील करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘इंसाफ की उम्मीद कभी न छोड़े। नाइंसाफ़ी का दौर ज्यादा नहीं चलेगा, जल्द ही सरकार बदलेगी और न्याय का युग आएगा।'”
क्या है पूरा मामला?
सम्भल की जामा मस्जिद को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब एक स्थानीय अदालत में याचिका दाखिल कर दावा किया गया कि मस्जिद वाली जगह पर पहले हरिहर मंदिर था। अदालत के आदेश पर मंगलवार को मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इसके बावजूद रविवार को दोबारा सर्वेक्षण के लिए टीम भेजी गई, जिस पर भीड़ ने पथराव कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, पुलिस को हालात काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने और हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है।
उपचुनाव नतीजों के बाद बढ़ा सियासी विवाद
संभल हिंसा ऐसे समय में हुई है जब उत्तर प्रदेश में हाल ही में उपचुनाव के नतीजे आए हैं। इन चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने सात सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि समाजवादी पार्टी को सिर्फ दो सीटें मिलीं। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यह घटना भाजपा द्वारा “चुनावी धांधली” पर हो रही चर्चाओं से ध्यान हटाने के लिए रची गई थी। उन्होंने कहा, “जो कुछ संभल में हुआ, वह सरकार और प्रशासन की साजिश थी ताकि जनता के मुद्दों और चुनाव में हुई धांधली पर चर्चा न हो सके।”
चुनाव में धांधली के लगाए आरोप
अखिलेश यादव ने उपचुनाव को लेकर प्रशासन और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “चुनाव के दिन समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों और समर्थकों को मतदान से रोका गया। अगर हमारे समर्थक वोट नहीं डाल सके, तो वहां वोट किसने डाले?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतदान केंद्रों पर दो तरह की पर्चियां बांटी गईं—एक लाल निशान वाली और दूसरी सामान्य पर्ची, जिससे भेदभाव किया गया।
“लोकतंत्र में लोगों की नहीं, भाजपा की व्यवस्था की जीत”
अखिलेश ने भाजपा पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा का नया लोकतंत्र यह सुनिश्चित करता है कि व्यवस्था हावी रहे और लोगों को वोट देने का अधिकार न मिले।” उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि जब सीसीटीवी फुटेज और बूथ रिकॉर्डिंग की जांच होगी, तो सच सामने आएगा।
कुंदरकी चुनाव में भी उठे सवाल
कुंदरकी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान ने भी मतदान में गड़बड़ी के आरोप लगाए। भाजपा के रामवीर सिंह ने इस सीट पर 1.45 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। हाजी रिजवान ने आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को मतदान केंद्रों पर पहुंचने से रोका गया। भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां अखिलेश यादव इसे साजिश बता रहे हैं, वहीं प्रशासन ने हिंसा के लिए अराजक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। इस पूरे मामले में अब आगे क्या होता है, यह जांच के नतीजों पर निर्भर करेगा।